पूनम पांडे ने महाकुंभ में किया पवित्र स्नान, वीडियो शेयर कर कही यह बात

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का माहौल इस वक्त बेहद श्रद्धापूर्वक और दिव्य नजर आ रहा है। देशभर से लोग इस भव्य आयोजन में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंच…

महाकुंभ मेला में भगदड़, 30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 घायल

kumbh mela 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान बुधवार सुबह मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के समय भगदड़ मच गई। महाकुंभ में हुई भगदड़ में कम से कम 30…

योगी के कारण महाकुंभ खूब खिला

प्रयागराज का कुम्भ (Maha Kumbh 2025) महापर्व विश्व का सबसे बड़ा आश्चर्य है। कहीं कोई बुलावा नहीं, कहीं कोई मुनादी नहीं, देश के कोने-कोने से करोड़ों लोग कुम्भ पर संगम-स्नान…

मौनी अमावस्या महत्व एवं कथा

Mauni Amavasya: माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि को स्नान और दान का बड़ा महत्व माना गया है। मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु की…

मौनी अमावस्या पर 25 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से होगी श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा

महाकुम्भ नगर: महाकुम्भ 2025 (Mahakumbh 2025) में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के पावन अवसर पर योगी सरकार (Yogi government) ने श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारी…

राष्ट्र की सम्पन्नता और प्रयाग कुंभ की कुशलता के लिए श्री चक्र यज्ञ

आचार्य संजय तिवारी कुंभ नगर, प्रयागराज: भारत वर्ष सृष्टि के इस प्रिशनि ब्रह्मांड में पृथ्वी पर अवस्थित विशिष्ट भू भाग है जहां विष्णुप्रिया भूदेवी जी सदैव विराजमान हैं। समस्त सृष्टि…

Mahakumbh 2025: मंत्रोच्चार के बीच गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने लगाई संगम में डुबकी

महाकुम्भनगर: गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठों, मंदिरों और अखाड़ों के संतों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संगम (Mahakumbh 2025) में पवित्र डुबकी लगाई। संत समाज…

सनातन संत के संयोजन में प्रयागराज कुंभ 2025

  सनातन संत के संयोजन में प्रयागराज कुंभ (Mahakumbh 2025) का अद्भुत स्वरूप उभर रहा है। वैश्विक पटल पर सनातन की गूंज है। विश्व आश्चर्य चकित है। कई देशों की…

सनातन धर्म की तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए: सीएम योगी

महाकुम्भ नगर: प्रयागराज दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने एक बार…

Poem: महाकुंभ की मोनालिसा

मैं बेचना चाहती हूँ, बस माला के मनके। पर यहाँ आये हैं, सब लोग अलग-अलग मन के।। इन्हें कहाँ खरीदने हैं, मेरी माला के मनके। ये निहारना चाहते हैं, मेरे…