Poetry: सब बनिये पूर्ण समर्थ

शास्त्र सुरक्षित रहेंगे जीवंत रहे व्यवहार। उत्सव पूर्वक मनेंगे शांति मय त्योहार।। शस्त्र पूजन कीजिए नियमित हो अभ्यास। जीवन की शांति रहे है यही सनातन न्यास।। घर घर जाई देखिये…

Poetry: कहीं अंधेरा ना रह जाए

दीप जलाएं हम खुशियों के, कहीं अंधेरा ना रह जाए। कर्तव्य साधना करें हम सभी, रामराज्य ज़न मन में आये।। संकल्प करें प्रेरणा बनें हम, जागें जीवन की सभी दिशाएं।…

Poetry: आज दशहरा पर्व है

नील कंठ का ध्यान कर शिव को करिए याद। हो सत्यम शिवम सुन्दरम नित घर घर में संवाद।। हित जिससे देवत्व का मिलि कीजे सोई काज। जिमि मानवता रक्षित रहे…

Poem: बाल सुनहरे भारत के

बाल सुनहरे भारत के निर्माता और निदेशक हैं। वे जो भी स्वप्न संजोएंगे भावी के बड़े निवेशक हैं।। उनके हृदयों में हो भारत भारत की घनीभूत पूंजी। ऋषियों का उच्चासन…

Poetry: प्रातः नमन करें हम उनको

प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…