Kahani: कर्म भोग
अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…
अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…
Kahani: एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी। उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा, खुशी से…
Kahani: एक बार की बात है। नयासर राज्य में नंदाराम नाम का एक राजा हुआ करता था। वह बहुत ईमानदार और साहसी था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था।…
Kahani: आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ। वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि…
Kahani: एक राजा था उसने परमात्मा को खोजना चाहा। वह किसी आश्रम में गया। उस आश्रम के प्रधान साधु महाराज ने कहा- जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे छोड़ दो।…
Kahani: भाभी आपकी पिंक वाली साड़ी चाहिए, मेरी फ्रेंड की शादी है। राधिका की ननद साक्षी ने राधिका से कहा तो राधिका बोली- इसमें पूछने की क्या बात है! अलमारी…
Kahani: एक व्यक्ति एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बहुत निष्ठा और कर्मठता से अपना काम करता था। उसके काम से सेठ बहुत प्रसन्न था और सेठ…
Pauranik Katha: पौराणिक मान्यता के अनुसार माँ गंगा पृथ्वी पर आने से पहले स्वर्ग में बहती थी, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि गंगा माता को पृथ्वी पर आना पड़ा।…
Kahani: एक गरीब व्यक्ति था। वह प्रतिदिन समीप के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभू से कहता कि…
Kahani: एक राजा का दरबार लगा हुआ था। क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरबार खुले में लगा हुआ था। पूरी आम सभा सुबह की धूप में बैठी…