Kahani: हनुमानजी और कुम्भकर्ण युद्ध

Kahani: लंका में युद्ध अपने अंतिम पड़ाव पर था। श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और रावण के अनेकानेक महारथी रण में वीरगति को प्राप्त हो चुके…

Kahani: क्या हम पूर्ण सुखी हैं?

Kahani: पुराने समय में एक राजा था। राजा के पास सभी सुख-सुविधाएं और असंख्य सेवक-सेविकाएं हर समय उनकी सेवा उपलब्ध रहते थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। फिर…

Kahani: अहंकार की कथा

Kahani: श्रीकृष्ण भगवान द्वारिका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन पर विराजमान थे, निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए थे। तीनों के चेहरे पर दिव्य तेज झलक…

Kahani: पुण्यों का मोल

Kahani: एक व्यापारी जितना धनी था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता था। एक यज्ञ में उसने अपना सब कुछ दान कर दिया। अब उसके…

Kahani: बदलाव

Kahani: एक लड़का सुबह-सुबह तालाब के किनारे दौड़ने को जाया करता था। आते-जाते वो एक बूढ़ी महिला को देखता था। वो बूढ़ी महिला हर रोज तालाब के किनारे छोटे-छोटे कछुवों…

Kahani: पिता ने सूझबूझ से बेटी को लव जेहाद के चंगुल से बचाया

Kahani: बेटी तीस साल की हो गई है, बेशक अब हम भारत में नहीं अमेरिका में पिछले चालीस साल रह रहे हों, हम माता-पिता को बेटी की उम्र बढ़ते ही…

Kahani: सोया भाग्य

Kahani: एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था। लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे। एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर…

Kahani: जगत की रीति

Kahani: एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक सन्त ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी, तो…

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