Kahani: नीच और ऊंच की पहचान

Kahani: महाराजा विक्रमादित्य प्रायः अपने देश की आंतरिक दशा जानने के लिए वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे। एक दिन घूमते घूमते एक नगर में पहुंचे। वहां का रास्ता…

Kahani: भरत के नाम पर पड़ा देश का नाम भारत

Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…

Kahani: परशुराम जी ने क्यों की थी माता रेणुका का वध

Kahani: रेणुका राजा प्रसेनजित अथवा राजा रेणु की कन्या, परशुराम की माता और जमदग्नि ऋषि की पत्नी थी, जिनके पाँच पुत्र थे। रुमण्वान, सुषेण, वसु, विश्वावसु तथा परशुराम। एक बार…

Kahani: अहंकार की रस्सी

Kahani: एक बार एक गुरुदेव अपने शिष्य को अहंकार के ऊपर एक शिक्षाप्रद कहानी सुना रहे थे। एक विशाल नदी जो की सदाबहार थी उसके दोनो तरफ दो सुन्दर नगर…

Kahani: संकल्प का प्रभाव

Kahani: एक गांव में एक नास्तिक रहता था, जिसका नाम शिवराम था। न जाने क्यों, वह भगवान के नाममात्र से ही भड़क उठता था। यहाँ तक कि किसी आस्तिक से…

Kahani: कर्मबंधन

Kahani: एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी, धर्मात्मा और…

Kahani: खोटा सिक्का

Kahani: ठाकुर जी का एक बहुत प्यारा भक्त था, जिसका नाम अवतार था। वह छोले बेचने का काम करता था, उसकी पत्नी रोज सुबह-सवेरे उठ छोले बनाने में उसकी सहायता…

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