ख़्वाबों में तेरा आना
देख तुम्हारी अदा प्रिये, बिन पिये नशा छा जाता है। आने की तेरी आहट सुन, दिल झूम-झूम कर गाता है।। नभ से वसुधा पर आई हो, तुम परी हो कोई…
देख तुम्हारी अदा प्रिये, बिन पिये नशा छा जाता है। आने की तेरी आहट सुन, दिल झूम-झूम कर गाता है।। नभ से वसुधा पर आई हो, तुम परी हो कोई…
धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…
नये वर्ष की बेला आयी। उर में नई चेतना लायी। कैसा लगता सुखद प्रभात। खुशियों की होती बरसात। वर्मा हुआ तिमिर का नाश। सबके अधरों पर उल्लास। नया वर्ष हर…
क़लम हमारी, हमसे बोली, कविता कोई, प्यारी लिख दो। विरह व्यथा तुम, बहुत लिख चुके, अब प्रेम प्यार पर, कुछ लिख दो।। गिरि से गिरते, निर्मल झरने, आलिंगन करते नदियों…
(भाग-१) प्रभु राम की विरासत, यूपी की राजधानी। तहज़ीब गंगा जमुनी, लखनऊ की निशानी।। शाम-ए-अवध की मस्ती, और दिलकशी नजारा। शाही शहर नबाबी, लखनऊ सबको प्यारा।। मन मोह लेता सबका,…
मुरझाते उपवन को प्रियतम, रसवती कर जाओ। कोमल कंज खिलूँ बन जिसमें, तुम पुष्कर बन जाओ।। नैन थके हैं राह निहारत, रिक्त प्रेम का है प्याला। विरह अग्नि में तपते…
पहचान बड़ी मुश्किल उनकी, जिनकी यह चाह रही है। फ़ेसबुक पर चोरी करना, जिनका बस काम यही है। रात-रात भर पता करें, ये जगते रोज दिखेंगे, किसी वाल के कवि…
छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…
मैं सदा रहूंगा ऋणी तेरा, है जब-तक तन में प्रान प्रिये! कलम लिखेगी क्या उसको, है तुमने जो एहसान किये।। भटका हुआ एक, पथिक था मैं, तुमने मंजिल का सार…
शोर मचाओ बरसो सावन, आज तुम हमरी अँगना। आज हुई रे मैं तो बावरी, घर आये मोर सजना।। मन बगिया की कली खिली है, उठे महक चहु ओर। नाच रही…