Poem: सबसे भारी क्या है?
सबसे भारी क्या है? पर्वत पहाड़ या दर्द से भारी मन, नहीं! सबसे भारी है माथे का वो घूंघट जिसमें संस्करों के नाम पर पिघल जाती हैं कितनी ही कलाएँ,…
सबसे भारी क्या है? पर्वत पहाड़ या दर्द से भारी मन, नहीं! सबसे भारी है माथे का वो घूंघट जिसमें संस्करों के नाम पर पिघल जाती हैं कितनी ही कलाएँ,…
माँ भोर में उठती है कि माँ के उठने से भोर होती है ये हम कभी नहीं जान पाये। बरामदे के घोसले में बच्चों संग चहचहाती गौरैया माँ को जगाती…
खड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रही बस उन्हें कहा गया हर बार चलो तुम तो लड़के हो खड़े हो जाओ छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे कक्षा के बाहर… स्कूल…
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ मर जाती हैं जातियों के तले दबकर, जातियाँ हँसती हैं और खिलखिला कर कहती हैं “लो मैंने तुम्हें मार दिया” और प्रेम अपनी आख़िरी साँस तक एक…
तलब इतनी न अपनी बढ़ाया करो, दाग-ए-दिल न किसी को दिखाया करो। गर्म आँसू हैं आँखों में देखो बहुत, घुट-घुटके न जीवन बिताया करो। अच्छे लोगों से दुनिया है भरी-पटी,…
वो खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाये तो तकलीफ वो सैनिकों का हौंसला बढ़ाये तो तकलीफ। इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ? वो देश का मान बढ़ाये तो तकलीफ वो देश को…
किसी चीज़ में डूबो तो ऐसे डूबो कि डूबना भी सुन्दर दिखे किसी चीज के साथ खेलो तो ऐसे खेलो कि खेलना भी सार्थक लगे किसी के साथ साझा करो…
अचानक किसी दिन कविता के साए मंडराने लगते देह के अज्ञात में तब वह अज्ञात सी जेहन में पुकार लगाती, दस्तक देती फिर एक आवाज़ गूंजती कठफोड़वे की ठक ठक…
हृदय प्रफुल्लित उत्साहित दीपोत्सव से घर-घर शृंगार। राम राज्य का शंखनाद है जन जन का यह है उद्गार।। अवधपुरी हर गांव बनेगा शांति प्रेम का तोरण द्वार। मन्दिर मन्दिर राम…
गाय हमारी माता है गी, यह हम नित्य रहे हैं गाई। कभी आरती पूजन करते, चन्दन वन्दन रहे चढ़ाई।। सब देवता गाय में बसते, यह हम सबको रहे बताय। द्वार…