Poem: द केरल स्टोरी
केरला स्टोरी देखिए करिए दृढ़ संकल्प संस्कार दृढ़ नेम हों न छूटे कोई विकल्प शिक्षा ऊंची चाहिए आंख खोल कर देख मर्यादा टूटे न कभी खींचो लक्ष्मण रेख हो विकास…
केरला स्टोरी देखिए करिए दृढ़ संकल्प संस्कार दृढ़ नेम हों न छूटे कोई विकल्प शिक्षा ऊंची चाहिए आंख खोल कर देख मर्यादा टूटे न कभी खींचो लक्ष्मण रेख हो विकास…
Kahani: लंका में युद्ध अपने अंतिम पड़ाव पर था। श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और रावण के अनेकानेक महारथी रण में वीरगति को प्राप्त हो चुके…
Kahani: पुराने समय में एक राजा था। राजा के पास सभी सुख-सुविधाएं और असंख्य सेवक-सेविकाएं हर समय उनकी सेवा उपलब्ध रहते थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। फिर…
Kahani: संतों की एक सभा चल रही थी। किसी ने एक दिन एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया, ताकि संत जन जब प्यास लगे तो गंगाजल पी सकें।…
Kahani: राजा की सभा में एक बड़ा सम्मानित राज पुरोहित था। जब वह आता राज्यसभा के सभी सभासदों के साथ राजा भी खड़े होकर उसका स्वागत करते थे। एक दिन…
Kahani: एक लड़का सुबह-सुबह तालाब के किनारे दौड़ने को जाया करता था। आते-जाते वो एक बूढ़ी महिला को देखता था। वो बूढ़ी महिला हर रोज तालाब के किनारे छोटे-छोटे कछुवों…
बृजेंद्र क्या योगदान तुम्हारा है। सर्वोच्च ज्ञान सम्पदा पूर्ण फिर भारत क्यों हारा है।। भारत कटता छटता रहा हम रहे सिकुड़ कर मौन। इसका अपराधी कौन है सोचो! है उत्तरदायी…
Kahani: एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था। लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे। एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर…
Kahani: एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक सन्त ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी, तो…
Kahani: एक राजा जरूरतमन्दों को अपने महल के आँगन में भोजन करा रहा था। राजा का रसोइया खुले आँगन में भोजन पका रहा था। उसी समय एक चील अपने पंजे…