Kahani: कर्म से होती है इंसान की पहचान

Kahani: एक बादशाह की आदत थी कि वह भेष बदलकर लोगों की खैर-ख़बर लिया करता था। एक दिन अपने वज़ीर के साथ गुज़रते हुए शहर के किनारे पर पहुंचा तो…

Kahani: लालच और कर्म फल के बीच पिसता इंसान

Kahani: एक धन सम्पन्न व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। पर कालचक्र के प्रभाव से धीरे-धीरे वह कंगाल हो गया। उसकी पत्नी ने कहा कि सम्पन्नता के दिनों में…

नेहरू का राष्ट्रवाद और अमेरिकी लेखक

किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिये उस देश के नायकों की राष्ट्रवाद के प्रति अवधारणा का बड़ा महत्व होता है। अमेरिका में एक महान विचारक हुए हैं- सैमुअल फिलिप्स…

भारत में धर्मान्तर नया नहीं है, यहां बिकता है धर्म

जिसे भारतवर्ष नाम दिया गया था, उसे अब भारतीय उप महाद्वीप के नाम से परिभाषित किया जाता है। यह अलग बात है कि बहुत से लोग वर्तमान भूखण्ड (32,87,263 वर्ग…

Kavita: लें राणा का संकल्प

जिसके जीवन में राष्ट्र प्रथम, जिसके उर में था पला ताप। क्षण-क्षण राष्ट्र समर्पित था जो, रण बांकुरा अमर राणा प्रताप।। सब सुविधाएं त्याग जो बढ़ा, झुका न टूटा कभी…

Kavita: आओ चलें गांव में अपने

आओ चलें गांव में अपने, मिल कर घर द्वार सजाएं। मिलें परस्पर सब नर नारी, ग्रामोत्सव सुखद मनाएं।। यहाँ विरासत पुरखों की है, पितृ कर्म भूमि य़ह मेरी। स्मृतियों की…

Kavita: लोकतंत्र के विजयोत्सव से

लोकतंत्र के विजयोत्सव से, ज़न ज़न में अभय भाव जागे। जीवन मूल्य सनातन होंगे, हो भारत में रामराज्य आगे।। एकात्म दृष्टि होगी समाज में, होगी सबको बढ़ने की सुविधा। चहुं…