Pauranik Katha: राजा निमि की कथा
Pauranik Katha: श्रीरामचन्द्र जी बोले, हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें शाप से सम्बंधित एक अन्य कथा सुनाता हूँ। हमारे ही पूर्वजों में निमि नामक एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा…
Pauranik Katha: श्रीरामचन्द्र जी बोले, हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें शाप से सम्बंधित एक अन्य कथा सुनाता हूँ। हमारे ही पूर्वजों में निमि नामक एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा…
इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…
कवि! तू झूठा है, यह बात मैं, डंके की चोट पर कहती हूँ! तेरी विरह गाथा के पीछे, मैं एक सचाई देखती हूँ। मैंने तेरा हाल पता किया, तेरे घर…
( कलम ) कवि! तेरा क्या बिगड़ा है, तू क्यों इतना हारा है? क्यूँ हर बार विरह का गीत, लिखता, कलम से सारा है? क्यूँ न लिखता प्रेम कहानी, क्यूँ…
क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…
Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…
Kahani: एक बार एक किसान जंगल में लकड़ी बिनने गया तो उसने एक अद्भुत घटना देखी। एक लोमड़ी के दो पैर नहीं थे, फिर भी वह खुशी-खुशी घसीट कर चल…
छोटे से गाँव की गीली मिट्टी, चाँदी सी मुस्कान लिए, बोली में था मोर नाचता, आँखों में अरमान लिए। नाम था उसका पूनम लाल, माँ की गोदी की रानी थी,…
जब रसोई में दाना न हो छप्पन भोग बना दे। सोने को बिछौना न हो पलकें बिछा दे। सिर पर छत न हो आँचल ओढ़ा दे। रोने को कंधा न…
Prerak Prasang: एक सेठ बड़ा साधु सेवी था। जो भी सन्त महात्मा नगर में आते वह उन्हें अपने घर बुला कर उनकी सेवा करता। एक बार एक महात्मा सेठ के…