डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान

मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश…

‘मातृभाषा’ की जगह नहीं ले सकती कोई भी भाषा: प्रो. द्विवेदी

गुवाहाटी: “कोई भी भाषा किसी व्यक्ति की मातृभाषा की जगह नहीं ले सकती। हम अपनी मातृभाषा में सोचते हैं और उस पर हमारा स्वाभाविक अधिकार होता है। मातृभाषा में सोचने…

भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता भारतीयता की जीत होगी: प्रो. राम बहादुर राय

नई दिल्ली: भोजपुरी हमारी मातृभाषा है वर्तमान भाजपा सरकार का रवैया मातृभाषाओं के प्रति सकारात्मक है, हमें उम्मीद है कि भोजपुरी को उसका उचित न्याय जल्द मिलेगा। उक्त बातें भाजपा…

मातृभाषा में लिया गया ज्ञान ही सर्वश्रेष्ठ: प्रो. भूषण पटवर्धन

नई दिल्ली: भारत की विभिन्न भारतीय भाषाओं में ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है। अगर विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में ज्ञान लेंगे, तो उनका संपूर्ण विकास संभव हो पाएगा। यह विचार…