समृद्धिसूचक है कृषि कर्म

मानव अभिलाषा और जिजीवीषा का इतिहास रुचिपूर्ण है। ऋग्वेद इतिहास का प्रथम शब्द साक्ष्य है। प्राचीन भारतीय इतिहास का सत्य है और करोड़ों की श्रद्धा। वैदिक काव्य को ईश्वरीय भी…

हिन्दू पर्व-त्योहार बन गये लव जिहाद के आधार

यह सच्चाई सिर्फ दिल्ली की नहीं है, यह सच्चाई बड़े-बड़े सभी जगहों की है। छोटे-छोटे कस्बों की है। करवा चौथ पर मैं दिल्ली घूमा और बाजार का आकलन किया। हर…

भारत की सांस्कृतिक पहिचान पर गम्भीर संकट

Dharm Parivartan: भारत में मतान्तरण की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। देशभर में हिन्दु समाज के विविध संगठनों की ओर से मतान्तरण रोकने के लिए कठोर विधान बनाने…

भारत के लिए द्रोहियों की नयी चुनौती

भारत के आसमान पर घृणा और कटुता के बादल घुमड़ रहे हैं। इन बादलों की आवक पूरब और पश्चिम की विषैली हवाओं के झोंकों के साथ बढ़ती जा रही है।…

मूल परंपरा से संवाद जरूरी है

आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…

भारत की धरती का लंबा इतिहास होना चाहिए

प्रत्यक्ष पर्यावरण प्रकृति की संरचना है। भारत के प्राचीन काल में भी प्राकृतिक पर्यावरण की उपस्थिति मनमोहक थी। प्रकृति को देखते, उसके विषय में सोचते और सुनते मनुष्य ने भी…

राजनीति से बहिष्कृत होती नैतिकता

भारत की पहचान आदर्श मानव मूल्यों और नैतिकता को माना जाता है। हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति के विचार सागर में इन दो गुणों की सदा से प्राबल्यता रही है।…

मेरी संस्कृति मेरी पहचान: ब्रह्माकुमारीज़

छतरपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा पेप्टिक टाउन में मेरी संस्कृति मेरी पहचान पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान ब्रह्माकुमारी रीमा बहन ने कहा कि हमारी पहचान हमारे देश…

Sanskriti Sansad ने सदा ही जन्म दिया महापुरुषों को: लक्ष्मण आचार्य

Varanasi: भारतीय संस्कृति (Bhartiya Sanskriti) हमेशा से महापुरुषों को जन्म देती आई है। इसी संस्कृति के कारण महिलाओं ने श्रेष्ठ पुरुषों को जन्म दिया। सनातन संस्कृति (Sanatan Sansad) चिरंतन और…

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारी आस्था और संजीवनी हैं: राजा बाबू सिंह

Noida: भारतीय संस्कृति का मूलाधार सनातन संस्कृति है, जिसके संवाहक प्रभु श्रीराम विभिन्न रूपों में हम सब में प्राण वायु संचरित करते हुए जीने की राह दिखाते और निरंतर सत्कर्म…