Pauranik Katha: महाभारत में मारे गए योद्धाओं को महर्षि वेदव्यास ने कर दिया था जीवित

Pauranik Katha: आज हम आपको महाभारत से जुड़ी एक अदभुत घटना के बारे में बता रहे हैं। जब महाभारत युद्ध में मारे गए समस्त शूरवीर जैसे की भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन,…

Pauranik Katha: नामदेव की श्रद्धा और भक्ति की कथा

Pauranik Katha: संत नामदेव बचपन में अपने ननिहाल में रहते थे, इनके नाना का नाम बामदेव था, जो ठाकुर जी के परम वैष्णो भक्त संत थे। बचपन में नामदेव काठ…

Pauranik Katha: श्रीराम के वंशज राजा ने गर्भधारण कर दिया था पुत्र को जन्म

Pauranik Katha: विज्ञान के इस दौर में एक पुरुष द्वारा गर्भधारण करके अपनी संतान को जन्म देना संभव है और हाल ही में कुछ ऐसे केस हुए भी हैं। लेकिन…

Pauranik Katha: श्रीकृष्ण के एक भक्त की कथा

Pauranik Katha: वृन्दावन के एक संत की कथा है। वे श्रीकृष्ण की आराधना करते थे। उन्होंने संसार को भूलने की एक युक्ति की। मन को सतत श्रीकृष्ण का स्मरण रहे,…

Pauranik Katha: संपूर्ण शिव तांडव स्त्रोत का हिंदी अनुवाद, जानें रावण ने कैसे भोलेनाथ की पाई थी कृपा

Pauranik Katha: कुबेर व रावण दोनों ऋषि विश्रवा की संतान थे और दोनों सौतेले भाई थे। ऋषि विश्रवा ने सोने की लंका का राज्य कुबेर को दिया था, लेकिन किसी…

Pauranik Katha: भीम और हिडिम्बा के विवाह की कथा

Pauranik Katha: हिडिम्बा पांडव कुल की सबसे पहले बनने वाली वधू बनी थी। लाक्षागृह यानी लाह के बने घर को जब दुर्योधन एवं मामा शकुनि की योजना के अनुसार, जलाया…

Pauranik Katha: बड़ी रोचक है गंगा अवतरण की कथा

Pauranik Katha: पौराणिक मान्यता के अनुसार माँ गंगा पृथ्वी पर आने से पहले स्वर्ग में बहती थी, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि गंगा माता को पृथ्वी पर आना पड़ा।…

Pauranik Katha: भक्त श्रेष्ठ का दर्शन

Pauranik Katha: एक बार भगवती पार्वती ने भगवान शंकर से कहा, आज किसी भक्त श्रेष्ठ का दर्शन कराने की कृपा करें। भगवान शंकर तत्काल उठ खड़े हुए और कहा– जीवन…

Pauranik Katha: क्या होता है अक्षय पात्र, जानें युधिष्ठिर को कैसे प्राप्त हुआ

Pauranik Katha: अक्षय पात्र को जानने से पहले अक्षय को समझें। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी छय न हो यानी नाश न हो। जो कभी खत्म नहीं किया…

Pauranik Katha: संत की खीर

Pauranik Katha: संत श्री रघुनाथ दास गोस्वामी राधाकुंड गोवर्धन में रहकर नित्य भजन करते थे। नित्य प्रभु को 1000 दंडवत प्रणाम, 2000 वैष्णवों को दंडवत प्रणाम और 1 लाख हरिनाम…

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