Kahani: माता-पिता का प्यार और बच्चे की सोच

Kahani: पिताजी एक माह से बीमार थे। उनके व माँ के कई बार फोन आ चुके थे, किन्तु मैं गाँव नहीं जा पाया। सच कहूँ तो मैं छुट्टियाँ बचने के…

Kahani: गुरु का आदेश न मानने का परिणाम

Kahani: एक सेवक ने अपने गुरु से विनती की कि मैं सत्संग भी सुनता हूँ, सेवा भी करता हूँ, किन्तु फिर भी मुझे कोई फल नहीं मिला। गुरु ने प्यार…

Kahani: एक औरत को आखिर क्या चाहिए

Kahani: राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए। हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन…

Kahani: निर्दोष को दंड

Kahani: बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।…

Kahani: मूर्तिकार का अहंकार

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार (मूर्ति बनाने वाला) रहता था वह ऐसी मूर्तियाँ बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के…

Kahani: सबसे बड़ा पुण्य

Kahani: एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही…

Kahani: अच्छाई-बुराई की अनोखी कहानी

Kahani: एक बार बुरी आत्माओं ने भगवान से शिकायत की कि उनके साथ इतना बुरा व्यवहार क्यों किया जाता है, जबकी अच्छी आत्माएँ इतने शानदार महल में रहती हैं और…

Kahani: गाय और बकरी का प्रेम

Kahani: विंध्याचल पर्वत के बीच बसे एक गाँव के किसान मंगलू की गाय बहुत बीमार पड़ गयी। उसके दूध की बिक्री करके वह अपने परिवार का पालन करता था। गाँव…

Kahani: शादी की वर्षगांठ

Kahani: शादी की वर्षगांठ की पूर्व-संध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे। संसार की दृष्टि में वो एक आदर्श युगल था। प्रेम भी बहुत था…

Kahani: पिता-पुत्र की सोच का अंतर

Kahani: एक बार एक पिता और उसका पुत्र जलमार्ग से कहीं यात्रा कर रहे थे तभी अचानक दोनों मार्ग से भटक गये। फिर उनकी नौका भी उन्हें ऐसे स्थान पर…