Malaria: मलेरिया (Malaria) मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। यह मच्छर जलजमाव वाली जगहों पर पनपते हैं। बारिश में जल का जमाव होता है। लिहाजा आप अपने घर के आसपास जलजमाव न होने दें। ऐसा करने से आप खुद भी बचे रहेंगे और आसपास के लोगों को भी इस बीमारी से बचा लेंगे। यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों में पानी भरने से मच्छर तेजी से पनपते हैं और उनके काटने से मलेरिया (Malaria) होने का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों मीरगंज, फतेहगंज, कुआं टांडा, रामनगर, भमौरा, क्यारा, मझगवा, फरीदपुर में केस आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट मोड में हैं। संवेदनशील क्षेत्रों के लिए रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई हैं। टीम में सीएमओ, आशा, संगिनी, एएनएम, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एलटी शामिल हैं। आशा को रैपिड किट से जांच की ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा इन्हें ड्रग प्रोटोकॉल की भी जानकारी दी गई है। आशा घर-घर जाकर बुखार की जांच कर रही हैं। उन्होंने बताया कि विभाग का इस साल 243 गांव में डीपीटी का छिड़काव कराने का लक्ष्य है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अपना काम रहा है। आम जनता को भी मलेरिया के प्रति अलर्ट रहना होगा। अपने घर की छत व खुले स्थानों पर कबाड़ एकत्रित न होने दें। कबाड़ में पानी इकट्ठा होता है और वहां मच्छर पनपने लगते हैं। कूलर का पानी बार-बार साफ करें, ताकि मलेरिया के मच्छर को पनपने का मौका न मिले।
मलेरिया ट्रैकिंग ग्रुप
सीएमओ ने बताया कि व्हाट्सएप पर मलेरिया ट्रैकिंग ग्रुप बनाया गया है, जिसमें आशा, संगिनी, एएनएम, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एलटी, मलेरिया अधिकारी और स्टाफ शामिल है। इस ग्रुप में नियमित तौर पर आशा और एएनएम द्वारा मलेरिया की जांच का विवरण डाला जाता है। केस पॉजिटिव आने पर रिस्पांस टीम अलर्ट हो जाती है और संबंधित गांव या एरिया में टीम पहुंचकर मुस्तैदी से कार्य करती है।
इसे भी पढ़ें: डायबिटीज में दवा से ज्यादा कारगर होते हैं ये आहार
मलेरिया के लक्षण
बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना
घर में ऐसा जरूर करें
• छत पर रखे टूटे-फूटे बर्तन, टायर, कूलर आदि में पानी भर जाता है और इसमें मच्छर पनपने लगता है। इसलिए टूटे-फूटे बर्तनों को हटा दें या फिर उल्टा रख दें।
• मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें।
• घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें।
• घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें।
• मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
• घर में नीम की पत्तियों का धुआं करें।
• मच्छरदानी लगाकर सोएं।
इसे भी पढ़ें: पीरियड्स पेन में बेहद कारगर है यह आयुर्वेदिक नुस्खा