नयी दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। ट्वीट में कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण कदम से अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ेगी और देशभर के लोगों को मदद मिलेगी। पीएम ने कहा कि इन प्लांट को जल्द से जल्द शुरू कराया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत यह ऑक्सीजन प्लांट विभिन्न राज्यों, यूटी के जिला मुख्यालयों के चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित होंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पीएम केयर्स के जरिये देशभर में 551 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इस ऑक्सीजन प्लांट को जल्द से जल्द शुरू कराने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। पीएम केयर्स फंड से इससे पहले से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। ताजा मंजूरी के साथ ही देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में जहां-जहां सरकारी अस्पताल हैं, में अब ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगें।
बयान में कहा गया कि जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। बयान के मुताबिक इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसमें कहा गया, ”इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के टॉपअप के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके.। गौरतलब है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था।
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गलत और भ्रामक जानकारी वाले पोस्ट डिलीट कराये
कोविड-19 संकट के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कई ट्वीट्स डिलीट किए हैं। खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए उन पोस्ट्स को डिलीट करने के लिए कहा था जो कोरोना महामारी को लेकर गलत या भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। हालांकि, अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां यह दावा कर रही हैं कि इन सोशल मीडिया पोस्ट्स को इसलिए डिलीट करवाया गया है क्योंकि इनमें सरकार की आलोचना थी। इस बीच केंद्र सरकार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि जिन ट्वीट्स को डिलीट करवाया गया है उनके जरिए कोरोना को लेकर गलत जानकारी प्रसारित की जा रही थी। केंद्र सरकार ने बयान में कहा है, श्कोरोना महामारी को लेकर दहशत फैलाने के मकसद से कुछ यूजर्स द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का दुरुपयोग किए जाने के बाद गृह मंत्रालय के सुझाव पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 100 सोशल मीडिया पोस्ट्स और यूआरएल डिलीट करने को कहा था। इन पोस्ट्स के जरिए कोरोना महामारी से असंबंधित, पुरानी तस्वीरों, सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील और भ्रामक जानाकारियां साझा की गई थीं। कोरोना महामारी से लड़ाई में बाधा से बचने के लिए यह फैसला लिया गया। बता दें कि जिन लोगों का ट्वीट डिलीट हुआ है उनमें कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी शामिल हैं। अब पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है कि वह इस मामले में भारत सरकार को कानूनी नोटिस भेजेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनके ट्वीट कि अवैधता को साबित करे।