
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी को एक्स (Twitter) पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा- मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। उनकी वीरता और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी, जिसने पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वह हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत बनाने की प्रेरणा देते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह हमेशा एक राष्ट्र निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे। उन्होंने एक्स पर लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जीवन, जिन्होंने ‘हिंदवी स्वराज्य’ की घोषणा की, नैतिकता, कर्तव्य और धार्मिकता का संगम था। छत्रपति शिवाजी महाराज, जिन्होंने संतानत्मक आत्म-सम्मान के झंडे की रक्षा के लिए अपने जीवन भर कट्टरपंथी आक्रमणकारियों से लड़ा, हमेशा राष्ट्र निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे।
I pay homage to Chhatrapati Shivaji Maharaj on his Jayanti.
His valour and visionary leadership laid the foundation for Swarajya, inspiring generations to uphold the values of courage and justice. He inspires us in building a strong, self-reliant and prosperous India. pic.twitter.com/Cw11xeoKF1
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2025
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी अद्वितीय वीरता, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और जन कल्याण के लिए समर्पण हमें प्रेरित करता है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। उनकी अद्वितीय वीरता, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और जनकल्याण के लिए अडिग समर्पण हमें प्रेरित करता है। शिवाजी महाराज की निःस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और दृढ़ता की धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था। प्रसिद्ध मराठा शासक की जयंती जयन्ती पर्व के दौरान मनाई जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज 17वीं शताब्दी के भारतीय योद्धा सम्राट थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उन्हें भारतीय इतिहास के महानतम योद्धाओं में से एक माना जाता है।
1674 में, उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी, इसके बाद 1670 में मुगलों के खिलाफ युद्ध किया। शिवाजी महाराज ने न केवल एक सुसंगठित प्रशासनिक व्यवस्था बनाई, बल्कि स्थानीय जनता के लिए एक व्यापक नागरिक संहिता भी स्थापित की। इस दिन का मुख्य उद्देश्य महान योद्धा के मराठा साम्राज्य की पुनर्स्थापना में योगदान को सम्मानित करना और उनकी विस्तृत धरोहर को पहचानना है।
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