एक हैं जसीम मोहम्मद। जसीम मोहम्मद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सलाहकार रहे हैं। बेहद प्रोफेशनल हैं, बातें बहुत ही प्रैक्टिल करते हैं। अर्जुन की तरह उनका निशाना लक्ष्य की ओर होता है। अभी उन्होंने नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अध्ययण केन्द्र नामक संगठन बनाया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी की नीतियों को वे जन-जन तक पहुंचायेंगे। मेरा उनसे संवाद होता रहता है। वे जानते हैं कि मैं कट्टर हिन्दूवादी हूं, मुझे मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से तभी तक सहानुभूति है जब तक मोदी (Prime Minister Narendra Modi) राष्ट्रभक्त बनें हुए हैं और उनकी सत्ता नीतियां देश सुरक्षा के लिए आधार होती रहेंगी।
मैं मोहम्मद जसीम को साफ कहता हूं कि जब भारत मात्र दस साल के अंदर मुस्लिम राष्ट बन रहा है तब आपका मोदी (Prime Minister Narendra Modi) प्रेम का क्या अर्थ है? ऐसे भी मोदी सत्ता प्रेम में बरसाती मेढ़कों की बाढ़ की कोई कमी है क्या? जिस देश के सीने पर जयचंद्र बैठे हों, जिस देश की राजनीति और सत्ता पृथ्वीराज चौहान की मूर्खता और खुश फहमी से भरी हो उस देश का नाश होना भी निश्चित ही है।
मैंने मोहम्मद जसीम को दो लाइन का हवाटसप मैसेज किया कि आप बेफ्रिक रहिये, भारत सिर्फ दस साल में ही मुस्लिम राष्ट बनने वाला है। भारत को मुस्लिम राष्ट बनने से नरेन्द्र मोदी तो क्या, अन्य कोई भी रोक नहीं सकता है। दस साल के अंदर में ही जो कुछ अफगानिस्तान में हो रहा है, जो कुछ पाकिस्तान, लेबनान और सीरिया जैसे देशों में हो रहा है वह सब भारत में भी होगा। यानी की भारत में दस साल के अंदर शरियती मुस्लिम शासन की व्यवस्था होगी।
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शरियती मुस्लिम शासन की व्यवस्था का विरोध करने वाले लोग सीधे तौर जबह-हलाल कर दिये जायेंगे, जो सक्षम होंगे, वे यूरोप जाकर शरण ले लेंगे। हिन्दुओं ने लालच में जितनी संपत्तियां बनायी हैं, वंश के भविष्य के लिए जितनी चल और अचल सपत्तियां बनायी हैं वे सभी धरी की धरी रह जायेंगी। जब कोई देश अराजकता का शिकार होता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके रूपये का वैल्यू सिर्फ कागज भर रह जाता है। इसलिए जब भारत इस्लामिक देश होगा तो बैंकों में रखा रूपया सिर्फ कागज का टूकड़ा जैसा ही होगा। विभाजन के बाद पाकिस्तान से क्या हिन्दू सभी संपत्तियां छोड़कर नहीं भागे थे।
धीमी गति से नहीं बल्कि बहुत ही तेजी गति से भारत मुस्लिम राष्ट्र बनने के लिए तत्पर है। हलाल जिहाद को देखिये। हलाल जिहाद करोड़ों रूपये का खेल है। एक आयुर्वेद की कपंनी है उसका नाम है हिमालयन। हिमालयन ने एक सर्टिफिकेेट जारी किया है। उस सर्टिफिकेट में उल्लेखित बातें यह है कि वह पूरी तरह से इस्लामिक कानून और इस्लामिक संस्कृति का पालन करता है, उसके आयुर्वेद प्रोजेक्ट पूरी तरह से हलाल हैं यानी कि इस्लामिक संस्कृति के अनुसार।
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हलाल सटिफिकेट उसी कंपनी को मिलता है जो कंपनी हलाल यानी इस्लाम के निर्धारित मापदंड को पूरा करती है। रामदेव की पंतजलि ने भी हलाल सर्टिफिकेट हासिल किया है। हलाल सर्टिफिकेट देने के नाम पर भारत में कई सौ करोड़ रुपये वसूले जाते हैं जो इस्लामिक जिहाद पर खर्च होते हैं, लव जिहाद, धर्मातरंण और सिर तन से जुदा पर खर्च होते हैं।
क्या उस देश को कोई बचा सकत है जहां पर तिरंगा यात्रा निकालने पर मुस्लिम समुदाय हिंसक होकर हत्या कर तक कर देती है। चंदन गुप्ता की हत्या क्या आप भूल गये। चंदन गुप्ता की हत्या मुसलमानों ने की थी, दंगे मुसलमानों ने की थी। पर दर्जनों हिन्दुओं को जेल भेजा जाता है। सिर तन से जुदा का जिहाद सरेआम होता है, सैकड़ों-हजारों की भीड़ सिर तन से जुदा का नारा लगाती है पर सरकारें खामोश, कोर्ट खामोश।
नुपुर शर्मा के बयान के बाद कितनी हत्याएं हुई, हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट कोई संज्ञान नहीं लिया, देश भर में हिन्दुओं की दर्जनों मॉब लिचिंग हुई। राष्टभक्ति पर बोलने वाले राजा और नरसिम्हानंद जेल भेजे जाते हैं। कोई भी राष्टभक्त राष्टभक्ति की आवाज उठाता है तो वह सीधे जेल जाता है। हनुमान चलीसा पढ़ने पर जेल भेजा जाता है। जहां पर सरेआम गौ हत्या होती है और सरेआम कहा जाता है कि गाय का मांस खाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। केरल में कांग्रेसी इस नीति को दिखाने के लिए सरेआम गाय के बछडे को काट कर खिल्ली उड़ाते हैं।
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हम पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों की बात नहीं करते हैं। आप सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली के दर्जनों इलाको में घूम कर देख लीजिये। जहांगीरपुरी चले जाइये, सीमापुरी चले जाइये, कल्याणपुरी चले जाइये, त्रिलोकपुरी चले जाइये, लक्ष्मीनगर चले जाइये, मुस्तफावाद चले जाइये,ब्रिजपुरी चले चाइये, शिव विहार चले जाइये आपको पता चल जायेगा। आप बिहार के किशनगंज और अररिया घूम आइये, पश्चिम बंगाल का कोई क्षेत्र घूम आइये। राजस्थान के कई जिलों से हिन्दुओं का पलायन जारी है।
पर्व-त्योहारों पर हिन्दुओं को प्रतिबंधित कर दिया जाता है, हिंसा का शिकार बना दिया जाता है। दुनिया में सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर बहुंसख्यक ही पीड़ित और मुस्लिम हिंसा का शिकार है। देश के हजारों सरकारी स्कूलों को इस्लामिक स्कूलों में बंदल दिया गया। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाये जाते, क्या पाकिस्तान झंडे भारत में नहीं फहारये जाते?
नरेन्द्र मोदी अपना खतना भी करा लेंगे तो भी एक भी मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देगा। मुसलमानों सिर्फ अपना लक्ष्य देखता है, अपना इस्लाम देखता है, मुसलमानों को अपने इस्लाम की कीमत पर कोई सुविधा या फिर लालच नहीं चाहिए, स्वीकार नहीं होता है। मुसलमानों को सिर्फ मोदी का कटा हुआ सत्ता सिर चाहिए। पर हिन्दुओं को 15 लाख चाहिए।
इस्लाम में 72 फिरकें यानी जातियां है, इनमें खूनी जंग होते रहते हैं, एक-दूसरे की हत्या करते रहते हैं, पर ये इस्लाम पर कोई प्रश्न खड़ा करते नहीं हैं, परस्पर हिंसा और घृणा के लिए इस्लाम को दोषी नहीं ठहराते हैं। अहमदिया मुसलमानों को मुसलमान नहीं माना जाता, शिया मुसलमानों का समूल नाश करने के लिए सुन्नी मुसलमान जिहादी होते हैं फिर भी कोई अहमदिया मुसलमान या शिया मुसलमान इसके लिए इस्लाम को दोषी नहीं ठहराता है।
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इस्लाम के कारण मुस्लिम देशों से मुसलमान पलायन कर शरणार्थी बन जाते हैं पर इस्लाम को कोसते नहीं है, इस्लाम को छोड़ते नहीं है। इसके विपरीत देख लीजिये। किसी भी कारण थोड़ी नाराजगी हुई तो फिर हिन्दुत्व और हिन्दुत्व के प्रतीक चिन्हों के खिलाफ घृणित आवाज आने लगती है। जबकि कोई हिन्दू ग्रंथ हिंसा या भेदभाव का समर्थन नहीं करते है और न ही इस्लाम की तरह काफिर मानसिकता का कोई अस्तित्व है। मेरी इस अवधारणा की कोई खिल्ली उड़ा सकता है। पर आने वाले समय में मेरी अवधारणा आपको सच लगेगी। मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि मात्र दस साल में ही भारत मुस्लिम राष्ट बनने वाला है और भारत से हिन्दू धर्म का नामोनिशान मिटेगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
(यह लेखक के निजी विचार हैं)