नई दिल्ली: शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा कर दी है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मतलब बीजेपी का समर्थन करना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी नेता के नाम पर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं। इसके इसके साथ ही जनभावना का ख्याल रखते हुए भी पार्टी ने यह फैसला लिया है।
मीडिया से चर्चा के दौरान संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन शिवसेना इसलिए कर रही है, क्योंकि जनभावना उनके साथ है। संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी सद्भावना उनके साथ है। गौरतलब है कि विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर जब बैठक हुई थी, तब उसमें शिवसेना भी शामिल हुई थी। लेकिन अब शिवसेना का रुख विपक्षी एकता के लिए भी झटका है। संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सोमवार को हुई सांसदों की बैठक में कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी प्रत्याशी हैं।
इसे भी पढ़ें: हिन्दू को खारिज करने वाले गर्त में मिल जायेंगे
संजय राउत ने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि जनभावना क्या है। मजे की बात यह है कि शिवसेना अपने गठबंधन से इतर उम्मीदवार का समर्थन किया है। हालांकि इससे पहले वर्ष 2007 में भी उसने एनडीए में रहते हुए यूपीए की कैंडिडेट प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। उस समय शिवसेना ने मराठी नेता के नाम पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। इसके अलावा वर्ष 2012 में उसने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। अब जब वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है तो उसने एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के समर्थन का एलान किया है।
इसे भी पढ़ें: सनातन की स्थापना का युद्ध