Prashant Kumar: यूपी पुलिस की कमान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) को सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है। खबरों की मानें कि उन्हें ये जिम्मेदारी देने की वजह उनका काम और उनकी कार्यशैली है। योगी सरकार की तरफ से जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी गई, तो आईपीएस प्रशांत कुमार (IPS Prashant Kumar) ने उसे बखूबी निभाया, इसी वजह से एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिलाया है। बता दें कि आईपीएस प्रशांत कुमार (IPS Prashant Kumar) की गिनती सीएम योगी के सबसे पसंदीदा पुलिस अधिकारियों में की जाती है।
अपराध को किया खत्म
जानकारी के मुताबिक, एक समय था, जब पश्चिमी यूपी में अपराध और अपराधियों का बोलबाला था। ऐसे में योगी सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले आईपीएस प्रशांत कुमार को मेरठ का एडीजी बनाया। बस फिर क्या था, वहां उनके नेतृत्व में पुलिस विभाग ने सख्ती बरतना शुरू की और कई बड़े इनामी अपराधियों को ना सिर्फ मार गिराया। इन मुठभेड़ों की खास बात ये थी कि, आईपीएस प्रशांत कुमार खुद कई एनकाउंटर में शामिल रहे। प्रदेश भर में उनके नेतृत्व में 300 से ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं।
हाल ही में मिला प्रमोशन
उनकी इसी कार्यशैली को देखने के बाद उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई, जो कि अब तक वह बखूबी निभा रहे हैं। इसी के चलते यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्होंने वो हर काम किया, जो किया जा सकता है। उनके अच्छे काम के चलते उन्हें हाल ही में प्रमोशन देकर डीजी बनाया गया था। अब जब कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है, तो एक बार फिर उनका अलग अंदाज देखने को मिल सकता है।
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कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार
स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।
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