हम भारत के रहने वाले हैं,
भारत की बात बताते हैं।
इसकी मिट्टी से प्रेम मुझे,
ये जगती को समझाते हैं।।
सह जीवन में विश्वास मेरा,
प्रकृति से साथ निभाते हैं।
है पत्थर में भी देवत्व भाव,
नदियों में ममता पाते हैं।।
हम शाश्वत सत्य सनातन हैं,
भू जन्म मरण से मुक्त सदा।
हम आत्मा हैं अविनाशी हैं,
न मिटा सके कोई विपदा।।
रूपान्तरण सहज भाव मेरा,
जो पंच तत्व में होता लीन।
तत्व बोध ले कर्तव्य पूर्ण,
भारत का ज़न ज़न प्रवीन।।
आओ हम सब चलें साथ,
मानवता के श्रेष्ठ भाव लेकर।
हम समृद्ध करें शुभ कर्मों से,
सर्वोत्तम अपना दे कर के।।
निश्चित ही लक्ष्य पूर्ण होगा,
वसुधा को सुखद बनाने का।
सुख, शांति, प्रेम, समृद्धि लिए,
वसुधा परिवार बनाने का।।
बृजेंद्र पाल सिंह
(राष्ट्रीय संगठन मंत्री लोकभारती)
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