Shyam Kumar
श्याम कुमार

उस नेता ने नारा दिया था
स्वराज हमारा
जन्मसिद्ध अधिकार है।
अब नेता का नारा है
अपनी तिजोरी भरना
हमारा कर्मसिद्ध अधिकार है।

उस नेता ने कहा था
तुम मुझे खून दो,
मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
अब नेता कहता है
तुम मुझे घूस दो,
मैं तुम्हें बरबादी दूंगा।

उस नेता ने पौने छह सौ
रियासतों को मिलाकर
एक देश का निर्माण किया।
अब नेता देश में
पौने छह सौ देश
बनाने को तत्पर है।

तब राष्ट्र ही धर्म था,
सेवा ही कर्म था।
अब नेता का
परिवार ही धर्म है,
मेवा ही कर्म है।

तब नेता का
सम्पूर्ण राष्ट्र परिवार था।
अब नेता का
उसका परिवार ही
सम्पूर्ण राष्ट्र है।

पहले और अब के नेताओं में
अन्तर यह है
उन नेताओं ने देश को
सर्वस्व दे दिया,
इन नेताओं ने देश का
सर्वस्व ले लिया।

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