Pitru Paksh: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पितरों का धरती पर अवतरण होता है। ऐसे में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है। पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की तिथि को लेकर कुछ उलझनें हैं। अलग-अलग पंचांगों में अलग-अलग तिथि को लेकर कुछ भ्रांतियों की स्थिति बन गई है।

पितरों का तर्पण और श्राद्ध किस तारीख में करें इसको लेकर लोग तैयारी कर रहे हैं। वहीं लोगों को आशंका है कि सही तिथि में तर्पण और श्राद्ध न हो पाने पर कहीं उनके पितृ भूखे-प्यासे न रह जाएं। लोगों की इस चिंता को लेकर हमने कई पंचांगों का अध्ययन कर पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की सही तारीख और तिथि तथा समय और मुहूर्त के बारे में जाना। जिसे आप सबके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। इस लिहाज से पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर, दिन शनिवार से हो रहा है।

(Pitru Paksha) अगस्त मुनि तर्पण 

पंचांग के मुताबिक श्राद्धपक्ष का आरंभ आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। मगर भाद्र शुक्ल पूर्णिमा को प्रथम तर्पण किया जाता है जो अगस्त मुनि के नाम से जाना जाता है। पितृ पक्ष में पितरों को जल देने वाले सभी लोगों को 10 सितंबर शनिवार को तिल, फूल और फल लेकर अगस्त मुनि एवं ऋषियों का तर्पण करना चाहिए।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष प्रतिपदा तिथि तर्पण श्राद्ध

इसी के साथ श्राद्ध पक्ष का आरंभ 11 सितंबर को होगा। इस दिन आश्विन कृष्ण पतिपदा तिथि दोपहर 2 बजे तक रहेगा। ऐसे में जिनके माता-पिता का देहांत किसी भी माह में किसी भी पक्ष में प्रतिपदा को हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण 11 सितंबर को किया जाना चाहिए।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष द्वितीया तिथि तर्पण श्राद्ध

द्वितीया तिथि को जिन लोगों के माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि मुताबिक पितृपक्ष द्वितीया तिथि 12 सितंबर को होगा, जो इस दिन दोपहर 1 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष तृतीया तिथि तर्पण श्राद्ध

तृतीया तिथि को जिनके माता-पिता का निधन हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि मुताबिक पितृपक्ष तृतीया तिथि 13 सितंबर को होगा, जो दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष चतुर्थी तिथि तर्पण श्राद्ध

चतुर्थी तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष चतुर्थी तिथि यानी 14 सितंबर को होगा। जो दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष पंचमी तिथि तर्पण श्राद्ध

पंचमी तिथि को जिनके माता-पिता गोलोकवासी हुए हैं, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष पंचमी तिथि यानी 15 सितंबर को होगा। जो दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष षष्ठी तिथि तर्पण श्राद्ध

षष्ठी तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष षष्ठी तिथि यानी 16 सितंबर को होगा। जो दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष सप्तमी तिथि तर्पण श्राद्ध

सप्तमी तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष सप्तमी तिथि यानी 17 सितंबर को होगा। जो दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष अष्टमी तिथि तर्पण श्राद्ध

अष्टमी तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष अष्टमी तिथि यानी 18 सितंबर को होगा। जो शाम 4 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष नवमी तिथि तर्पण श्राद्ध

नवमी तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृ पक्ष नवमी तिथि यानी 19 सितंबर को होगा। जो शाम 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। ज्ञात हो कि पितृपक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी तिथि भी कहते हैं। जो महिलाएं सुहागन ही इस दिन दुनिया से विदा हुई हैं उनका तर्पण श्राद्ध किया जाता है।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष दशमी तिथि तर्पण श्राद्ध

दशमी तिथि को जिनके माता-पिता का निधन हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष दशमी तिथि यानी 20 सितंबर को होगा। जो रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष एकादशी तिथि तर्पण श्राद्ध

एकादशी तिथि को जिनके माता-पिता का निधन हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष एकादशी तिथि यानी 21 सितंबर को होगा। जो रात 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष द्वादशी तिथि तर्पण श्राद्ध

द्वादशी तिथि को जिनके माता-पिता का निधन हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष द्वादशी तिथि यानी 22 सितंबर को होगा। जो रात 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन साधु-संन्यासी हो चुके लोगों का भी तर्पण श्राद्ध किया जाएगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष त्रयोदशी तिथि तर्पण श्राद्ध

त्रयोदशी तिथि को जिनके माता पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष त्रयोदशी तिथि यानी 23 सितंबर को किया जाएगा। जो रात 1 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष चतुर्दशी तिथि तर्पण श्राद्ध

चतुर्दशी तिथि को जिनके माता पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृ पक्ष चतुर्दशी तिथि यानी 24 सितंबर को होगा। जो रात 2 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि को जिनकी किसी कारण से अकाल मृत्यु हई है उनका श्राद्ध तर्पण इस दिन करना चाहिए। इसी के साथ इस दिन को लेकर यह भी मान्यता है कि जिनकी समान्य मृत्यु चतुर्दशी तिथि में हुई है, उनका श्राद्ध तर्पण चतुर्दशी को न करके अमावस्या के दिन ही करना चाहिए।

(Pitru Paksha) पितृ पक्ष महालया तिथि तर्पण श्राद्ध

अमावस्या तिथि को जिनके माता-पिता का देहांत हुआ है, उनका श्राद्ध तर्पण मृत्यु तिथि अनुसार पितृपक्ष अमावस्या तिथि यानी 25 सितंबर को किया जाना है। जो रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के मुताबिक अमावस्या के दिन ही महालया लगता है, जिस दिन सर्वपितृ श्राद्ध होता है। मान्यता है कि इस दिन सभी पितर वापस अपने लोक को लौट जाते हैं। इसलिए श्राद्ध तिथि पर जिनका किसी कारणवश श्राद्ध तर्पण नहीं हो पाता है, उनके नाम से जल और ब्राह्मण भोजन इसी दिन करवाने का नियम है।

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