Mukhtar Ansari: पूर्वांचल में बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में 32 साल बाद सोमवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी दोषी करार देने के बाद सजा का ऐलान कर दिया। सोमवार 12 बजे के करीब पहले तो कोर्ट ने माफिया अंसारी को दोषी कर दिया और फिर दोपहर 2 बजे जज अवनीश ने दोषी अंसारी को उम्रैकद की सजा सुनाई गई है। वहीं 22 सितम्बर 2022 से पांच जून 2023 के बीच पांच मामलों में सजा मिल चुकी है।
अब तक पांच मामलों में मिल चुकी है सजा
माफिया मुख्तार अंसारी को 22 सितम्बर 2022 से पांच जून 2023 के बीच पांच मामलों में सजा मिल चुकी है। 22 सितम्बर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार को सात साल की सजा सुनाई थी। ठीक अगले ही दिन यानी 23 सितम्बर को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की अदालत ने गैंगस्टर के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी। इसी तरह 15 दिसम्बर 2022 को अवधेश राय की हत्या से जुड़े एक मामले और एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल पांच मामलों में गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद गाजीपुर की एमपी/एमएल कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई। अदालत ने मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा सुनाई थी। अब अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मिली है।
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माफिया मुख्तार के खिलाफ 61 मुकदमे
60 वर्ष के माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में 61 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से आठ मुकदमे ऐसे हैं, जो कि जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे। ज्यादातर मामले हत्या से संबंधित हैं। सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जिले गाजीपुर में दर्ज हैं। नौ मुकदमे मऊ और नौ मुकदमे वाराणसी में दर्ज हैं। राजधानी लखनऊ में भी सात मामले दर्ज हैं। 61वां मुकदमा गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में उसरी चट्टी हत्याकांड को लेकर दर्ज हुआ था। मऊ दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्तूबर 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से जेल में बंद है।
संकट में अफजाल अंसारी की सियासी पारी
गैंगस्टर मामले में चार साल की सजा मिलने के बाद माफिया के भाई अफजाल अंसारी की सियासी पारी भी संकट में है। अफजाल अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से छह बार विधायक चुना गया। गाजीपुर से दो बार लोकसभा का चुनाव भी जीता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल ने भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराया था।
अफजाल अंसारी ने वर्ष 1985 भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। अफजाल ने 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।