गोरखपुर: गोरखपुर जिले में लंबे समय से तैनात एसएसओ जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह) के कारनामों की लंबी लिस्ट है, लेकिन उच्चाधिकारियों में अच्छी पैठ होने के नाते वह अक्सर बचता चला आया है। जेएन सिंह पर इससे पहले भी पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत के आरोप लग चुके है, लेकिन मुकदमा अब पहली बार दर्ज़ हो पाया है।
शुभम उर्फ सोनू का मामला
7 नवंबर, 2020 को बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज था। पुलिस ने उसे 11 अक्टूबर, 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था। विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया था। जिसके बाद में तत्कालीन चौकी इंचार्ज को निलंबित कर गया, जबकि जेएन सिंह मामला मैनेज कर ले गया। परिजनों की आवाज को दबा दिया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
गौतम सिंह की मौत का मामला
बीते 13 अगस्त को भी रामगढ़ताल पुलिस पर 20 वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत का आरोप लगा था। बाद में पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था। इसमें गायघाट बुजुर्ग में प्रेमिका से मिलने गए युवक की लाश मिली थी। पुलिस का कहना था कि लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी। जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। इस मामले को भी जेएन सिंह मैनेज कर लिया और इसमें पुलिस के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
मनीष गुप्ता की हत्या का मामला
रामगढ़ताल इलाके के तारामंडल रोड पर स्थित एक होटल में ठहरे कानपुर के बर्रा के रियल स्टेट व्यापारी मनीष गुप्ता (36) की सोमवार की देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई। भारी जनदबाव में इस मामले में प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह व चौकी इंचार्ज सहित छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। व्यापक दबाव के बाद हत्या का मामला दर्ज हुआ है।
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जिस पर नहीं था कोई केस उसे मुठभेड़ में मारी गोली
बीते 21 अगस्त को क्राइम ब्रांच और रामगढ़ताल पुलिस ने एक बदमाश सिकंदर को मुठभेड़ में गोली मारी थी। दावा था कि सिकंदर ने ही 16 अगस्त की दोपहर में कैश मैनेजमेंट सिस्टम के कर्मचारी नवनीत मिश्रा की आंखों मे मिर्च पाउडर झोंककर 5.28 लाख रुपये लूट की थी। पुलिस ने लूट के 1.50 लाख रुपये,घ टना में इस्तेमाल बाइक और 315 बोर का तमंचा बरामद करने का दावा किया था। इस घटना के 4 दिन पहले ही यह बात सामने आ चुकी थी कि पुलिस ने एक मुखबिर को थाने में बैठा रखा है। खास बात यह कि मुठभेड़ के बाद ही सिकंदर पर पहला केस भी दर्ज हुआ। इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
सनक ने बनाया अपराधी
जेएन सिंह एनकाउंटर का शौकीन है। एसटीएफ में रहने के दौरान जेएन सिंह ने 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया था। जबकि गोरखपुर जिले में तैनाती के दौरान वह यहां अब तक चार बदमाशों के पैर में गोली मार गिरफ्तार कर चुका है। जेएन सिंह अपनी एनकाउंटर खूबी की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचा है।
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