चंद्र ग्रहण पंचांग के मुताबिक इस वर्ष 26 मई, 2021 दिन बुधवार को लगने जा रहा है। ज्योतिष के मुताबिक ग्रहों की चाल की दृष्टि से मई का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मई के शुरुआत में ही बुध और शुक्र का गोचर वृष राशि में हुआ था। वहीं 14 मई, 2021 को वृष राशि में सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। इसके अलावा 26 मई को बुध, मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। तो वहीं 28 मई को शुक्र भी वृष राशि को छोड़कर मिथुन राशि में आ जाएंगे तथा 30 मई को मिथुन राशि में बुध वक्री हो जाएंगे।
पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 26 मई को चंद्र ग्रहण लगेगा। बता दें कि इस पूर्णिमा की तिथि को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि का विशेष महत्व माना जाता हैं।
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किस राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 26 मई को चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगा। 26 मई को दिन में दोपहर 2 बजकर 16 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और शाम करीब 7 बजकर 21 पर समाप्त हो जाएगा।
सूतक काल का महत्व
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष ध्यान रखा जाता है। ज्योतिष के मुताबिक चंद्र ग्रहण जब लगता है तो सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पूर्व लगता है। वहीं सूर्य ग्रहण जब लगता है तो सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। वर्ष 2021 में लगने जा रहे हैं पहले चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियम मान्य नहीं होंगे, क्योंकि इस चंद्र ग्रहण को उपछाया ग्रहण बताया जा रहा है। इसलिए इस बार चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियम प्रभावी नहीं होंगे। लेकिन कुछ मामलो में सूतक काल के नियमों का पालन करना लाभदायक होगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
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