लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार ने पहले से पूरी तैयारियां कर रखी हैं, लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। इसके साथ कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करना होगा और खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाना होगा। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अगर हम मजबूती से से तैयारी करेंगे तो हमें छू भी नहीं पाएगा। उक्त बातें मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम के 25वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने खान-पान और दिनचर्या पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में जिस प्रकार से हमारी दिनचर्या व खान-पान बदला है, उससे हमारे बच्चे शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से कमजोर हुए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनके खानपान, आहार-विहार और उठने-जागने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कुपोषण मापने के पैरामीटर को बदलने पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्यक्ष रूप से स्वस्थ दिखने वाला बालक जरूरी नहीं है कि वह अंदर से भी मजबूत हो। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि गर्भधारण के समय माताओं को अपने खान-पान और विचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसका असर होने वाली संतान पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बाज़ार के तले-भुने खाद्य पदार्थों की बजाय पारंपरिक भोजन दें।
उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रति परिवार का व्यवहार कैसा हो, उस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि बच्चे पर इसका सीधा प्रभा पड़ता है। अभिभावक अपने बच्चों के साथ बैठे, उनसे बाते करें और उनके स्कूल के बारे में चर्चा करें। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए, लेकिन शंका नहीं करनी चाहिए। उन्हें अच्छे संस्कार देने चहिए, ताकि समाज में अपना विशेष योगदान दे सकें।
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मुख्य वक्ता केजीएयू के पूर्व कुलपति व आरोग्य भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट ने बच्चे है अनमोल कार्यक्रम से अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों को हुए लाभ से राज्यपाल हो अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए कोरोना की मार बहुत घातक नहीं है, क्योंकि पूरे विश्व में 70 से 80 प्रतिशत बच्चों में कोई लक्षण ही नहीं दिखा, लेकिन उनके सुरक्षा की चिंता करनी होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना होगा, इसके लिए अभिभावकों को जागरूक होने के साथ ही सक्रिय रहना होगा। उन्होंने सभी अभिभावकों से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने सुवर्ण प्राशन, आयुष 64 जैसी आयुर्वेदिक औषधि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसे सेवन से बच्चों में इम्युनिटी बढ़ेगी और कोरोना जैसी संक्रामक बीमारियों से रक्षा होगी।
इस अवसर पर कोरोना से सुरक्षा हेतु समाज में जागरूकता फैलाने वाले प्रशासनिक अफसरों, वरिष्ठ चिकित्सकों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोलोक की ओर पुस्तक, मास्क और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। जिसमें कानून और विधायी मंत्री बृजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा, वरिष्ठ आईएएस वेंकटेश्वरलू , डीएम अभिषेक प्रकाश, केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, प्रो. बीएन सिंह, प्रो. अभय नारायण तिवारी, डॉ. नरसिंह वर्मा, प्रो. आरके गर्ग, डॉ. माला कुमार, डॉ. भूपेंद्र सिंह, प्रो. विनोद जैन, प्रो. जीपी सिंह, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, प्रो. शैली अवस्थी और डॉ. संजीव वर्मा शामिल रहे। कार्यक्रम में आए अतिथियों को विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के अवध प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र बाबू ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पहले विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित पत्रिका सृष्टि संवाद भारती के नवीन अंक का विमोचन किया। कार्यक्रम के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) का अवलोकन किया।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के अखिल भारती सह संगठन मंत्री यतीन्द्र, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री हेमचंद्र, बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, वरिष्ठ प्रचारक रजनीश पाठक, रामकृष्ण चुतुर्वेदी, शुभम सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।
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