सुमित मेहता
Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी सरकार को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया में मंथन जारी है। गठबंधन में शामिल दिग्गज नेताओं के दिल फ़िलहाल अब तक मिले नहीं हैं, लेकिन हाथ मिलाकर वो जरूर सत्ता दल को आगामी चुनाव में चुनौती देने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस आज राजनीति के उस दौर से गुजर रही है, जहां क्षेत्रीय दल उसे आंखे दिखा रहे हैं, ये वो दल हैं, जिसके साथ वो आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में बीजेपी (BJP) को चुनौती देना चाहती है।
केंद्र की सत्ता में वापसी के सपने देख रही कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बाद अब 14 जनवरी से भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) पर निकल चुके हैं। यह यात्रा मणिपुर के इंफाल से शुरू होकर 15 राज्यों से होते हुए मुंबई में खत्म होगी। 6,700 किमी की यह यात्रा 110 लोकसभा और 337 विधानसभा सीटें कवर करेगी। लेकिन में इस यात्रा में इंडिया गठबंधन में मौजूद दूसरे दल शामिल होने के लिए अब तक तैयार नहीं हुए हैं, जो कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत है।
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अगर गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दलों का सहयोग और साथ कांग्रेस को यात्रा के दौरान मिलता है, तो कांग्रेस आगामी चुनाव में उन राज्यों में बीजेपी को मजबूती से टक्कर देगी, जहां वो अकेले चुनाव लड़ेगी। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है, क्योंकि गठबंधन में शामिल दलों ने राहुल गांधी की यात्रा से दूरी बनाकर रखना ही अब तक सही समझा है। और इसकी असल वजह भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बता दी है। उनका कहना है कि, यात्रा हो ये अच्छी बात है, लेकिन सभी दल ये चाहते हैं कि यात्रा से पहले टिकट बंटवारा हो, सीट बंटवारा हो, और जब ये बंटवारा हो जाएगा, तो बहुत सारे लोग अपने आप यात्रा में सहयोग करने निकल पड़ेंगे। क्योंकि जो प्रत्याशी होगा वो पूरी ज़िम्मेदारी से वहां खड़ा दिखाई देगा। सपा अध्यक्ष के इस बयान से साफ पता चलता है कि, इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के अब तक सिर्फ हाथ मिले हैं, दिल नहीं।
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