लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तरह अब पाबांदियां भी बढ़ने लगी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने लगातार तीसरी बार साप्ताहिक लॉकडाउन की पाबंदियों की समय सीमा में बढ़ोत्तरी की है। साप्ताहिक लॉकडाउन की अवधि कल यानि 6 मई को सुबह समाप्त हो रही थी, लेकिन इससे पहले राज्य सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को तीन दिन के लिए और बढ़ा दिया है। इससे अब यह पाबंदियां पूरे उत्तर प्रदेश में 10 मई की सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। प्रदेश सरकार ने यह फैसला बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए लिया है। वहीं इससे पहले रविवार को इंटर स्टेट बस सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया था। ज्ञात हो जिस हिसाब से कोरोना के संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उससे प्रदेश संपूर्ण लॉकडाउन की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना की विस्फोट की स्थिति बन गई है। मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। होम क्वारंटइन में चल रहे लोगों के सामने दवा और आक्सीजन की दिक्कत है। इस महामारी के चलते राजधानी लखनऊ से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार मचा हुआ है। कई मरीज ऐसे है जो जांच कराने के चक्कर लगाते—लगाते गंभीर अवस्था में पहुंच जाते हैं। एकतरफ जहां सरकारी स्तर पर लापरवाही जारी है वहीं दूसरी तरफ इंसान ही इंसान को मारने पर तुला हुआ है। आक्सीजन की जबरदस्त कालाबाजारी जारी है। एंबुलेंस ड्राइवरों की तरफ से मरीजो से धनउगाही की जा रही है।
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मेडिकल स्टोर पर दवा उपलब्ध न होने की बात कहकर दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं। कोरोना वायरस पर जिम्मेदारों की तरफ से फैलाए गए अफवाहों का असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। यहां आज भी ऐसे लोग मिल जाते हैं जिनको लगता है कि कोरोना केवल अफवाह है। जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अब गांवों में भी फैल गया है। लेकिन जांच न हो पाने की वजह से यह नहीं तय हो पा रहा है कि मरने वाले मरीज की मौत कैसे हुई है। कोरोना का बहाना बनाकर डॉक्टर भी मरीज को देखने से कतरा रहे हैं।
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