Kanpur News: कानपुर देहात में प्रशासन का बेरहम चेहरा सामने आया है। यहां के मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने कब्जेदार की झोपड़ी में संदिग्ध हालत में आग लग गई। वहीं अपना आशियाना जलता देख मां-बेटी सामान बचाने के लिए झोपड़ी में घुस गईं। दोनों को बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं इस प्रयास में गृहस्वामी व रुरा थाना प्रभारी झुलस गए हैं।
इस घटना में मां-बेटी समेत कई बकरियों की मौत हो गई। उधर घटना से आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया। भीड़ के बढ़ते गुस्से को देख पुलिस और प्रशासन की टीम ने वहां से भागकर खुद को बचाया। वहीं प्रशासनिक टीम पर कार्रवाई की मांग पर अड़े आक्रोशित लोग मां-बेटी के शव उठाने से मना कर दिया है। मौके पर पहुंची डीएम नेहा जैन व एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति लोगों को समझाने की कोशिश में लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक, जिलाधिकारी नेहा जैन सोमवार को अपने कार्यालय में जनसुवाई कर रही थीं। उसी समय मड़ौली गांव के कुछ लोग अपनी शिकायत लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे। लोगों ने गांव के ही गेंदन लाल के खिलाफ जिलाधाकारी से ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत की। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह के अलावा राजस्व व पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
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राजस्व विभाग की टीम ग्राम समाज की जमीन से कब्जा खाली करा रही थी कि उसी दौरान कब्जेदार गेंदन लाल की झोपड़ी में अचानक आग लग गई। झोपड़ी में आग देख गेंदन लाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित (45) और बेटी शिवा (22) सामान बचाने के लिए झोपड़ी में घुस गईं। दोनों को लपटों के बीच में घिर गई, वहीं गेंदन लाल और रुरा थाना प्रभारी दिनेश गौतम बचाने के लिए दौड़े, लेकिन मां-बेटी को बचाने की कोशिश में वे भी झुलस गए। वहीं आग से मां-बेटी की मौत से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। लोगों का आक्रोश देख प्रशासनिक टीम वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
उधर घटना की सूचना मिलते ही डीएम व एसपी दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए। आक्रोशित लोगों ने डीएम, एसडीएम व थाना प्रभारी रुरा पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए शव उठाने से मना कर दिया। इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है मां-बेटी ने खुद को घर में बंद कर आग लगा ली। झोपड़ी से लपटें व धुआं निकलता देख, लोग उन्हें बचाने गए तो वह भी झुलस गए। इस अनहोनी में मां-बेटी की जान चली गई।
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