नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी आज देर शाम तक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। वहीं इससे पहले अपनी एक हरकत को लेकर कन्हैया कुमार चर्चा में आ गए है। खबर है कि पटना में CPI के राज्य कार्यालय अजय भवन के एक कमरे में लगा एसी कन्हैया कुमार निकाल ले गए हैं। यह बात सामने आने के बाद सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि सीपीआई दफ्तर की तरफ से कन्हैया कुमार का बचाव करते हुए एसी निकाल ले जाने की बात को स्वीकार किया गया है।

CPI के प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय ने मीडिया को बताया कि कार्यालाय से कन्हैया कुमार दो महीने पहले ही एसी को निकाल ले गए थे। उन्होंने बताया कि इस ऐसी को कन्हैया कुमार ने ही लगवाया था। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार ने अपने लोगों के लिए कार्यालय में एसी लगवाया था। साथ ही उन्होंने बताया कि कन्हैया कुमार ने एसी ले जाने के लिए इजाजत भी मांगी थी, जिस पर उनसे कहा गया था कि आपकी संपत्ति है, ले जा सकते हैं। बता दें कि इससे यह साफ हो रहा है कि कन्हैया कुमार की कांग्रेस में शामिल होने की पृष्ठभूमि काफी पहले बन गई थी। इसी के तहत वह कांग्रेस में शामिल होने से पहले सीपीआई दफ्तर का एक महीने पहले ही एसी निकलवा ले गए।

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वहीं राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी कार्यालय में नेताओं के सहयोग से काम कराया जाता है। कन्हैया कुमार की तरह अगर तरह अगर हर पार्टी में नेता हो जाएं तो पार्टी को कंगाल होने से नहीं रोका जा सकता। पार्टी छोड़ने पर कार्यालय का सामन उठा ले जाने का कनहैया कुमार ने अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

गौरतलब है कि कन्हैया कुमार जिस हरकत की वजह से चर्चा में आए थे, सैद्धांतिक रूप से उसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि देश के कुछ लोगों ने कन्हैया को एक हीरो की तरह प्रस्तुत किया। लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। वर्ष 2019 में सीपीआई के टिकट पर उन्होंने बिहार के बेगुसराय लोकसभा सीट से भाजपा नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

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