लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में धीरे-धीरे अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश महासचिव कामिनी शर्मा से विशेष बातचीत में कई अहम मुद्दों पर बेबाक राय सामने आई। उन्होंने यूपी सरकार की नीतियों, हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’, आगामी पंचायत चुनावों और अपनी पार्टी की भूमिका को लेकर स्पष्ट विचार रखे।

यूपी सरकार ब्राह्मण विरोधी नहीं, लेकिन भेदभाव खत्म नहीं हुआ है

कामिनी शर्मा का कहना है कि उनकी पार्टी हर वर्ग को बराबरी का अधिकार देने की पक्षधर है। उन्होंने कहा, एनसीपी ने हमेशा सभी समुदायों, विशेषकर हाशिये पर खड़े वर्गों के हक़ में आवाज़ उठाई है। ब्राह्मणों को लेकर जो धारणा बनी है, उसे तोड़ने की ज़रूरत है। हम मानते हैं कि जब तक समाज में संतुलन नहीं होगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा।

ऑपरेशन सिंदूर की सराहना, लेकिन सवाल भी

देश की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन सिंदूर को एक अहम कदम मानते हुए कामिनी शर्मा ने कहा, यह जरूरी था। आतंक और अलगाववाद को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया, वह सराहनीय है। लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इसका असर आम नागरिकों पर न पड़े।

दक्षिण भारत का दौरा, एक नई दिशा की ओर

एनसीपी की राष्ट्रीय रणनीति पर बात करते हुए कामिनी शर्मा ने बताया कि उन्होंने हाल ही में दक्षिण भारत का दौरा किया, जहाँ कई स्थानीय नेताओं से संवाद हुआ। उन्होंने कहा, हमने वहां के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को समझने की कोशिश की और पार्टी की नीति और दृष्टिकोण साझा किया। ये दौरा हमारे लिए बेहद सकारात्मक रहा।

एनसीपी क्यों? एक साफ और विचारधारात्मक जवाब

कामिनी शर्मा का जवाब सीधा था, मैंने एनसीपी इसलिए चुनी क्योंकि यह पार्टी सिर्फ सत्ता नहीं, समाज को बदलने की बात करती है। यहाँ जाति, धर्म और क्षेत्र के नाम पर राजनीति नहीं होती, बल्कि विचारधारा के साथ खड़े होने की बात होती है। उन्होंने कहा कि बाकी बड़ी पार्टियाँ जैसे सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी केवल सत्ता की राजनीति करती हैं, लेकिन एनसीपी ज़मीन पर रहकर काम करने वाली पार्टी है। जहां बाकी दल वोट के पीछे भागते हैं, वहां एनसीपी वोटरों के दुख-दर्द के पीछे भागती है।

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एनसीपी यूपी अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह से मिली प्रेरणा

कामिनी शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह की वैचारिक निष्ठा ने उन्हें पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। उनकी सोच ने मुझे भरोसा दिलाया कि यहां केवल राजनीति नहीं, बल्कि असली परिवर्तन की बात होती है। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने उन्हें केवल पद ही नहीं, बल्कि एक ‘ब्राह्मण बेटी’ के रूप में हर वर्ग की आवाज़ बनने का मंच दिया है।

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