लखनऊ: एनसीपी की प्रदेश महासचिव कामिनी शर्मा एक खास 23 दिवसीय दक्षिण भारत यात्रा पर निकली हैं। इस यात्रा की खासियत यह है कि इसमें धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक संवाद का भी अद्भुत मेल देखने को मिलेगा। उनके साथ करीब 30 लोगों का एक दल भी मौजूद है, जो इस यात्रा को और भी खास बनाता है।

तीर्थ और राजनीति, दोनों का संगम

इस यात्रा के दौरान कामिनी शर्मा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल के प्रमुख तीर्थ स्थलों का दर्शन करेंगी। लेकिन यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है—इसका राजनीतिक उद्देश्य भी है। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह के निर्देश पर वह दक्षिण भारत में बसे महाराष्ट्र और उत्तर भारत के समुदायों से संवाद करेंगी, जो वहां बड़ी संख्या में निवास करते हैं।

संगठन को मजबूत करने की रणनीति

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह यात्रा संगठन विस्तार की रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है। दक्षिण भारत में बसे मराठी व हिंदी भाषी लोगों के बीच पहुंच बनाना, पार्टी के लिए भविष्य में बड़े राजनीतिक लाभ का रास्ता खोल सकता है। इसे एनसीपी की सॉफ्ट पॉलिटिक्स की दिशा में एक ठोस पहल माना जा रहा है।

Kamini Sharma

जनता से जुड़ाव पर ज़ोर

कामिनी शर्मा इस दौरान सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं से नहीं मिलेंगी, बल्कि महिलाओं, युवाओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी संवाद करेंगी। इससे यह साफ है कि यात्रा का मकसद केवल पार्टी प्रचार नहीं, बल्कि जनता से जुड़ाव और उनके मुद्दों को समझना भी है।

इसे भी पढ़ें: महिला मस्तिष्क पर नई खोज

धार्मिक यात्रा या रणनीतिक अभियान

इस यात्रा में धार्मिक स्थलों का दर्शन, राजनीतिक संवाद और संगठन विस्तार तीनों ही तत्व शामिल हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए ऐसी यात्राएं ज़मीन पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। इसके अलावा, उनका प्रवास उरई, ललितपुर, झाँसी, कालपी, कदौरा और कानपुर जैसे उत्तर भारत के कई शहरों में भी प्रस्तावित है।

इसे भी पढ़ें: लखनऊ का बड़ी भुइयन माता मंदिर बना आस्था का केंद्र

Spread the news