श्रीनगर: भारत का वह हिस्सा जिसकी पहचान आतंकियों के गढ़ के रूप में होती है, वहां भी इस पर स्वतंत्रता दिवस की धूम दिखाई दे रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बार जम्मू कश्मीर भी शांति के रास्ते पर चल निकला है। हालांकि दहशतगर्द आज भी रह रहकर क्षेत्र में अशांति पैदा करते रहते है। लेकिन सुरक्षाबलों की मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई ने आतंकियों के हौसले को पस्त कर दिया है। इस बार जम्मू जिले में तीन लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री होने की खबर है।जम्मू प्रशासन देश की आजादी के 75वें वर्ष के मौके पर आयोजित अभियान के लिए तैयार है। जम्मू के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के सभी स्कूलों को शामिल करते हुए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के डल झील में तिरंगा शिकारा रैली का आयोजन किया गया। यह आयोजन जम्मू-कश्मीर के युवा सेवा और खेल विभाग की तरफ से आयोजित किया गया था। शिकारा रैली को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने झंडी दिखाकर रवाना किया। श्रीनगर के डल झील में इस तरह का आयोजन पहली बार किया गया। जम्मू कश्मीर में बदलाव का इससे बड़ा कोई और उदाहरण हो भी नहीं सकता, क्योंकि इससे पहले इस तरह के कारर्यक्रम करना तो दूर, सोचने की हिम्मत किसी में नहीं थी।
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गौरतलब है कि इस बार जम्मू जिले में तीन लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है और प्रशासन देश की आजादी के 75वें वर्ष के मौके पर आयोजित हर घर तिरंगा अभियान के लिए तैयार है। हालांकि आतंकियों ने लोगों में दहशत फैलाने के लिए टारगेट किलिंग को अंजाम दिया है। बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने प्रावासी मजदूर मोहम्मद अमरेज की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मोहम्मद अमरेज बिहार के मधेपुरा का रहने वाला था।
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