नई दिल्ली: सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने गुरुवार को कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह साझा मूल्यों, आपसी सम्मान और गहरे विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आज की अनिश्चित और उथल-पुथल भरी दुनिया में दोनों देशों के बीच संबंध और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं।

हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में वोंग ने कहा, हम अपने साझा इतिहास और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे विश्वास और मित्रता से शक्ति प्राप्त करते हैं। यही हमें नए अवसरों का लाभ उठाने और स्थिरता व विकास में योगदान देने की ताकत देता है।

निवेश और सहयोग के नए आयाम

वोंग ने बताया कि सिंगापुर भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है और अब दोनों देशों का सहयोग विभिन्न क्षेत्रों तक फैल चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर इस साझेदारी को और ऊंचाइयों पर ले जाने को उत्सुक हैं।

पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति की तारीफ करते हुए कहा, पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका असर उसकी सीमाओं से बहुत आगे तक महसूस किया जा रहा है।

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कौशल विकास और नए प्रोजेक्ट्स

वोंग ने कहा कि सिंगापुर भारत की कौशल विकास यात्रा का समर्थन जारी रखेगा।

चेन्नई में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के लिए भारत के निमंत्रण को उन्होंने स्वीकार किया।

विमानन, सेमीकंडक्टर और MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) क्षेत्रों में राज्यस्तरीय कौशल केंद्र स्थापित करने में सिंगापुर सहयोग करेगा।

संपर्क और व्यापार को नई मजबूती

हवाई और समुद्री क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों ने समझौते किए।

सिविल एविएशन ट्रेनिंग और R&D में सहयोग पर MoU साइन हुआ।

नवी मुंबई में भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया गया, जो देश का सबसे बड़ा स्टैंडअलोन कंटेनर टर्मिनल बनेगा।

अंतरिक्ष क्षेत्र में नई साझेदारी

लॉरेंस वोंग ने बताया कि भारत अब तक सिंगापुर निर्मित 20 से अधिक सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। दोनों देशों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया है।

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