Hemant Soren Oath: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर उनके पिता और जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत विपक्षी इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता मौजूद थे।

हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता की भावना का भी इजहार हुआ, जब इंडिया गठबंधन के नेता इस अवसर पर एकजुट हुए। यह अवसर झारखंड के इतिहास और संघर्षों को सम्मानित करने का था, जहां हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता को अपने संघर्ष और सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता को लेकर विश्वास दिलाया।

झारखंडी कभी नहीं झुकता: हेमंत सोरेन

शपथ लेने से पहले, हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा, आज का दिन झारखंड की महान धरा के संघर्षों और हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम और भाईचारे की भावना को प्रगाढ़ करने का है। झारखंड की धरती ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है। हम अपने पूर्वजों की वीरता और संघर्ष को सम्मानित करते हुए आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने आगे कहा, आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय की लड़ाई को और मजबूत करने का है, और यह बताता है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबाव के बावजूद झारखंड की जनता एकजुट है। हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। जब भी हमें पीछे धकेलने की कोशिश की जाती है, हम और मजबूत होकर उभरते हैं।

झारखंडियत की आवाज़

हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में यह भी कहा कि आज हर गांव, हर शहर में झारखंडियत की आवाज़ गूंज रही है, जो अधिकार, समानता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने राज्य के लोगों से एकता का आह्वान किया और यह भरोसा दिलाया कि संघर्ष जारी रहेगा और झारखंडी कभी नहीं झुकेगा।

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उन्होंने अपने संदेश के अंत में कहा, हमारी लड़ाई अटल और अविराम है। यह संघर्ष हर झारखंडी के लिए है, और यह आखिरी सांस तक जारी रहेगा। हर एक झारखंडी को इस जीत पर बधाई। हमारी यात्रा और संघर्ष निरंतर आगे बढ़ेगा। हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह न केवल झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, बल्कि यह विपक्षी एकता की भी मिसाल पेश करता है, जिसमें देशभर के कई प्रमुख नेता एकजुट हुए।

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