Gola Gokarnath Kheeri: प्रभात किरण सामाजिक संस्थान द्वारा पृथ्वी दिवस पर परेली में गोष्ठी का आयोजन कर पौधरोपण किया गया। संस्थान के प्रबन्धक पंकज कुमार ने कहा कि आज का दिन पृथ्वी और उसके पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेने का दिन है, हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में इस दिन को मनाया जाता है 1960 के दशक में विकास की होड़ में पेड़ काटे जाने लगे थे। नदियों का जल प्रदूषित होने लगा था, कई देशों ने बिगड़ते पर्यावरण को गंभीरता से लिया और इसे बचाने के लिए अभियान की शुरुआत की पिछले कुछ सालों में इस दिन की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
लगातार पेड़ों के काटे जाने से जंगलों का कम होना, बढ़ता वायु और जल प्रदूषण, धरती का बिगड़ता संतुलन दुनिया भर के देशों के लिए सिरदर्द बन गया है। धरती और पर्यावरण संकट में है हम अपनी पृथ्वी को बचाने के लिए प्रयास करें। कार्यकारी अध्यक्ष नवनीत कुमार प्रभात ने कहा कि पूरे सौरमंडल में सिर्फ पृथ्वी ही ऐसी है जहाँ पर जीवन संभव है इसके अलावा किसी भी ग्रह पर जीवन जीना मुमकिन नहीं है। पृथ्वी पर ही सांस लेने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और पीने योग्य जल समेत विभिन्न जरूरी तत्व है। पृथ्वी के पर्यावरण के अनुकूल स्थितियों से ही यहां जीवन जीना संभव हो सका है, लेकिन मनुष्य की कुछ गलतियों की वजह से अब यह पर्यावरण बिगड़ रहा है।
इस पृथ्वी दिवस पर हम सभी को अपनी धरती को हरा-भरा बेहतर बनाने का संकल्प लेना चाहिए। हमें प्रण लेना चाहिए कि हम वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करेंगे। हमें ज्यादा से ज्यादा जंगल बचाने होंगे, वन्य जीव की रक्षा करनी होगी जंतुओं को बचाना होगा हमको गैर नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा के संसाधनों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत,आदि पर फोकस करना चाहिए। पृथ्वी दिवस और पर्यावरण दिवस जैसे दिन हर साल मनाए जाते हैं। जबकि इस काम के लिए हमें किसी दिन की जरूरत नहीं है। हम कोई एक दिन या कुछ दिनों की मेहनत से पृथ्वी और पर्यावरण को नहीं बचा सकते हैं। हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवन भर के लिए संकल्प लेना होगा।
लगातार प्रयास करने होंगे, ऐसा करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे सकेंगे। हमारे आज के प्रयासों से आगामी पीढ़ियों का अच्छा जीवन जीना सुनिश्चित होगा। कुछ प्रमाण हमारे सामने ही हैं, लगातार जंगलों की कटाई से वन्य जीव हम लोगों के बीच में आ गये और मौके मिलते ही हम लोगों पर हमला कर देते हैं। हमारे बुजुर्ग कहा करते थे कि जल इतना दूषित होता जा रहा है कि हर जगह पानी पीना संभव नहीं होगा और आज वह दिन हमारे सामने है। हम कहीं भी जाते हैं, कुछ भी सामान लेकर जाये या न जाये बल्कि पानी की बोतल जरूर साथ में होती है। एक कहावत भी है कि पानी तो पिला ही सकते हो, पानी से पतला कुछ भी नहीं है और आज हमारे सामने पानी बिक रहा है।
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ऐसा ही रहा तो वह भी दिन अब दूर नहीं बचे है पानी के साथ साथ में ऑक्सीजन का सिलेंडर भी साथ में लेकर चलना पड़ेगा और पानी की तरह हमको ऑक्सीजन भी खरीदनी होगी। इसलिए हम सभी लोगों को जागरूक होना होगा और इस मुहिम में आगे आना होगा। कुछ नहीं कर सकते हैं तो पॉलिथीन और प्लास्टिक का उपयोग करना बंद कर दें। कागज का उपयोग करें और उसको रीसायकल कर दे ग्राम पंचायत परेली के प्रधान बालगोविंद वर्मा ने सभी लोगों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर मालिक शर्मा, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह, गोलू सहित तमाम ग्रामवासी मौजूद रहे।
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