Jal Jeevan Mission: केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना में भ्रष्टाचार की बात शुरू से सामने आ रही है। मगर अधिकारियों के भरोसे उत्तर प्रदेश में चलने वाली योगी सरकार को इस पर यकीन नहीं हो रहा था। जिसका परिणाम रह-रहकर सामने आने लगे हैं। अधूरे नल से पानी की सप्लाई दिखाकर जल जीवन मिशन जहां देश में हर घर शुद्ध जल पहुंचाने में अग्रणी राज्य की पदवी हासिल कर दूसरे के हक का इनाम हड़प रहा है। वहीं अधूरे पाइप लाइन व ध्वस्त होती पानी की टंकियां चीख-चीखकर भ्रष्टाचार की गवाही दे रही हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर से सामने आया है जो यह बताने के लिए काफी है कि अगर निष्पक्षता से हर घर नल से जल योजना की जांच हो जाए तो सारे सरकारी आंकड़े फर्जी साबित होंगे।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के विकासखंड पहला की ग्राम पंचायत चुनका में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकी अचानक भरभराकर गिर पड़ी। टंकी गिरते ही पूरे इलाके में पानी ही पानी फैल गया और आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, टंकी गिरने की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि कुछ देर के लिए लोगों को लगा जैसे कोई ज़ोरदार धमाका हुआ हो।

5.31 करोड़ खर्च कर डेढ़ साल पहले हुआ था निर्माण

इस पानी की टंकी का निर्माण साल 2023 में जल जीवन मिशन योजना के तहत हुआ था और जनवरी 2024 में इसे चालू किया गया था। इससे आसपास के 7 गांवों के 8 हजार घरों में पानी की सप्लाई की जा रही थी। गिरने के समय टंकी में करीब 20,000 लीटर पानी था। ग्राम प्रधान शांति देवी (पति राजाराम) ने अभी तक इस टंकी का आधिकारिक हैंडओवर नहीं लिया था क्योंकि ग्रामीणों द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए थे।

Jal Jeevan Mission

क्वालिटी पर शुरू से थे सवाल, लेकिन नहीं सुनी गई आवाज़

ग्रामीणों ने पहले ही आरोप लगाया था कि टंकी का निर्माण घटिया सामग्री से हुआ है और निर्माण मानकों की अनदेखी की गई है। फिर भी इसे चालू कर दिया गया और पानी की सप्लाई शुरू हो गई। टंकी गिरने से एक 12 वर्षीय बच्चे को मामूली चोटें आई हैं। हालांकि कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।

JE, AE बर्खास्त, 12 कर्मचारी सस्पेंड

हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जल निगम के जूनियर इंजीनियर (JE) और असिस्टेंट इंजीनियर (AE) को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। टंकी निर्माण में लगी ठेकेदार एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

विधायक ने मांगा ठेकेदारों से हर्जाना

सीतापुर की विधायक आशा मौर्या ने घटना पर नाराज़गी जताते हुए जिम्मेदार अफसरों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस नुकसान की भरपाई ठेकेदारों से कराई जाए।

इसे भी पढ़ें: योगी जी झूठे हैं आपके आंकड़े, अधूरे नल से जलापूर्ति करा रहे आपके अधिकारी

अब पानी की किल्लत, 7 गांव प्रभावित

गिरी हुई टंकी से बेहमा, नवाबपुर, अमईपुर, धीरपुरचुनका, नईगढ़ी, दौलतपुर समेत कुल 7 गांवों में जल आपूर्ति होती थी। अब इन गांवों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के गृहजनपद से सटे बस्ती जिले के गौर विकासखंड के ग्राम सभा बेलघाट सहित अन्य क्षेत्रों में अधूरे नल से पानी की सप्लाई लंबे समय से दिखाया जा रहा है। जिसका जल जीवन मिशन के पोर्टल पर कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई। लेकिन विभाग की तरफ से कोई सुनाई नहीं हुई।

मजे की बात यह है जल जीवन मिशन में बीते दिनों लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके सीएम मीडिया सेल की तरफ से प्रेस विज्ञाप्ति भी जारी हुई थी। विज्ञाप्ति जारी होने के कुछ ही देर बाद अधिकारियों के दबाव के चलते मुख्यमंत्री मीडिया सेल ने इस खबर को डिलीट कर दिया था। इससे जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नौकरशाही किस कदर हावी है।

इसे भी पढ़ें: Jal Jeevan Mission की खुलने लगी पोल, अधर में अटका ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य

Spread the news