Earthquake in Japan: जापान एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिला है। दक्षिणी जापान के क्यूशी क्षेत्र में गुरुवार को 7.1 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप का केंद्र निचिनान से 20 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में और 25 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप के तुरंत बाद अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी की है।
The #earthquake in #Japan is upgraded from 7.1 to 7.3 Magnitude#TegevajaroMiyazaki #Japan #SGEM05 #BREAKING https://t.co/20QUmZAUG4 pic.twitter.com/AmpE4UfMh7
— Weather monitor (@Weathermonitors) August 8, 2024
भूकंप के झटके इतने तेज थे कि शॉपिंग मॉल का सामान, कुर्सियां, पंखे और टेबल तेजी से हिलने लगे। सुनामी की चेतावनी के कारण पूरे जापान में भय और दहशत का माहौल बन गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ समय के अंतराल में दो बड़े भूकंप आए हैं—एक 6.9 तीव्रता का समुद्र तट से दूर और दूसरा 7.1 तीव्रता का भूकंप दक्षिणी जापान के तट के पास आया है।
जापान के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में और भूकंप आ सकते हैं और इसके साथ ही सुनामी की लहरें भी हो सकती हैं। अधिकारियों ने नागरिकों से सुरक्षित स्थान पर रहने का अनुरोध किया है। यह दावा किया जा रहा है कि यह पहली बार है जब इतने बड़े भूकंप एक साथ आए हैं। क्यूशू द्वीप में भूकंप के बाद कई स्थानों पर नुकसान की खबरें आ रही हैं। तस्वीरों में शहर की सड़कों पर चीख-पुकार और हिलती गाड़ियों का दृश्य बेहद भयावह है।
40 minutes Ago a 7.1 #Magnitude #Earthquake hit the southern #Japanese island of #Kyushu near #Miyasaki
Multiple Damages are Reported and a #tsunami warning is Aktive
Multiple Aftershocks are expected
Please stay safe and Follow the instructions #Japan #sge #tokyo #NHK pic.twitter.com/UtARM67MyW
— Fanatico Football (@fanatico_japan) August 8, 2024
पहले जनवरी में भी जापान में 7.6 तीव्रता का एक भूकंप आया था, जिसमें 318 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 1300 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, इशिकावा में भूकंप से आग लग गई थी, जिससे 200 इमारतें जल गईं। जापानी द्वीपसमूह कई महाद्वीपीय और महासागरीय प्लेटों के मिलन स्थल पर स्थित है, जिससे यहां अक्सर भूकंप आते हैं। इसके अलावा, जापान में कई ज्वालामुखी और गर्म झरने भी हैं, जो भूकंप की गतिविधियों को बढ़ाते हैं। जब भूकंप समुद्र के नीचे या उसके पास आते हैं, तो वे सुनामी का कारण भी बन सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: नागा चैतन्य और सोभिता धुलिपाला ने की सगाई, सामने आईं तस्वीरें आईं
इसे भी पढ़ें: मोहम्मद यूनुस संभालेंगे बांग्लादेश की कमान