Lucknow News: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अब सामाजिक न्याय के मुद्दे को केंद्र में रखकर ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) समुदायों को एकजुट करने की तैयारी में है। पार्टी ने प्रदेश के सभी मंडलों में सामाजिक न्याय सम्मेलनों के आयोजन का फैसला लिया है। इस अभियान की शुरुआत राजधानी लखनऊ से की जाएगी।

सामाजिक समीकरण मजबूत करने की रणनीति

यहां कांग्रेस का पिछड़ा वर्ग विभाग बीते कुछ समय से लगातार ओबीसी समुदायों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा है। वहीं अब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस अभियान को और गति देने के लिए सक्रिय हो गया है। विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

अंतिम चरण में सम्मेलन की तैयारियां

कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि सम्मेलनों की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की सूची तैयार करने को लेकर राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श हो चुका है। इस कार्यकारिणी में ओबीसी की सभी प्रमुख जातियों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।

मनोज यादव ने आगे कहा कि, जैसे ही शीर्ष नेतृत्व से अनुमोदन मिलेगा, कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी और इसके तुरंत बाद लखनऊ से सामाजिक न्याय सम्मेलनों की शुरुआत होगी।

पिछड़े वर्ग के नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश

माना जा रहा है कि, इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्ग के नेताओं को एक मंच पर लाना और सामाजिक न्याय की लड़ाई को ज़मीनी स्तर पर मजबूती देना है। साथ ही, आम जनता को यह संदेश देना है कि कांग्रेस पार्टी संसद से लेकर सड़क तक पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।

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सभी जातियों को सम्मान देने का दावा

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी सामाजिक न्याय और सभी जातियों को सम्मान व अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका मानना है कि यह अभियान ओबीसी समुदायों के बीच कांग्रेस की पैठ को मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा देगा।

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