लखनऊ। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. प्रीति वर्मा ने राजधानी लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर बाल भिक्षु अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए बच्चों को पकड़ा। बापू भवन-विधानसभा के आसपास चौराहे, आईटी चौराहा आदि स्थानों पर ये छापेमारी की गई। कई भीख मांग रहे बच्चों और 6 महिलायें जोकि बाल भिक्षावृत्ति को करा रहीं थी, को पकड़कर प्राथमिक कार्रवाई और पुनर्वास हेतु प्रयाग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह (शिशु) भिजवाया गया। इस दौरान डॉ. प्रीति वर्मा ने बच्चों को खाने के लिए फूड पैकेट वितरित किए।
डॉ. प्रीति वर्मा जी ने कहा कि ये पूरी तरह बाल श्रम की तरह ही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश और उनके बाल भिक्षु अभियान के तहत बाल आयोग की टीम तेजी से कार्य कर रही है कि बाल भिक्षुओं को बेहतर शिक्षा और जीवन मिल सके और भिखारियों के माफियाओं (जिनका पेशा ही भीख मांगना है) पर लगाम लगाई जा सके। इसी कड़ी में आज टीम ने निरीक्षण क्रम के दौरान बच्चों को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि भीख मांगने वालों में से ही कुछ ने 2 से तीन माह के बच्चों की स्थिति को बहुत ही दायनीय बना रखा थी। बच्चों के सिर के नाज़ुक हिस्से को लेप से कवर किया हुआ था और गले में अनगिनत कसे हुए धागे से बच्चे की स्थिति को बद से बदतर बनाकर रखा हुआ था।
‘छोड़ दीजिए-अब नहीं मांगेंगे भीख’
इस दौरान इन बच्चों का अभिभावक बताने वाले भिखारियों का समूह एकत्रित हो गया। ये बच्चों को छोड़ने और दोबारा भीख ना मांगने की बात करने लगे। वही दूसरी तरफ निरीक्षण क्रम के दौरान भीख मांगने वालों पर दहशत का माहौल बन गया। सभी इधर-उधर भागते दिखाई दिए। इन बच्चों में 2.5 साल से लेकर 15 साल तक के लड़के और लड़कियां भीख मांगते दिखाई दिए।
बाल भिक्षावृत्ति पर लगे अंकुश
गौरतलब हो कि प्रदेशभर में बाल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर में ‘बाल भिक्षु अभियान’ की शुरुआत की है। प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने और बाल भिक्षुओं को सबल बनाने में बाल आयोग की सदस्य डॉ प्रीति महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। वे इससे पहले भी कई बार बाल भिक्षुओं को भीख मांगने के पेशे से मुक्ति दिलाने के लिए अन्य जिलों के चौक-चौराहों पर दल-बल के साथ जा चुकी हैं। डॉ. प्रीति वर्मा का साफ कहना है कि इनके माफिया, जो बच्चों को भीख मांगने पर विवश कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसे भी पढ़ें: नल से जल योजना पर फिर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, जानें दावों में है कितनी सच्चाई
डॉ. प्रीति वर्मा ने यह भी बताया कि पकड़े हुए बच्चों से पूछताछ कर, उनके गांव-घर का पता लगाया जाएगा कि वो कहां से और कैसे आएं हैं। बच्चों को उनके घर भिजवाया जाएगा और माता-पिता को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही संबंधित गृह क्षेत्र के जिम्मेदार जन प्रतिनिधि जैसे प्रधान या सभासद आदि को सूचित कर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी कि भविष्य में ये बच्चे भीख ना मांगें।
राहगीरों ने की सराहना
बच्चों को पकड़ने के क्रम में कई बच्चे चीख-चीखकर रोने लगे। तभी डॉ. प्रीति वर्मा ने मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को गोद में उठाकर उन्हें प्यार से समझाया। मौके पर ये नजारा देख आने-जाने वाले राहगीरों ने उनकी सराहना की। इस कार्रवाई के दौरान सीडब्लूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) की सदस्या डॉ. संगीता शर्मा व चाइल्ड लाइन की टीम से विजय, नवीन और काजल मौजूद रहे। सभी ने दृढ़ता व साहस के साथ बच्चों को पकड़ा।
जनजागरूकता और सहभागिता की अपील
डॉ प्रीति वर्मा ने उस मौके पर अपील की कि जनजागरूकता और जन सहभागिता से ही बाल भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाना संभव है अतः बच्चों को पैसे नहीं, आपके समय और प्यार की जरूरत है। जब भी किसी बच्चे को ऐसी हालत में देखें तो उसे वहीं रोके और 1098 चाइल्ड लाइन नंबर या जिले की बाल कल्याण समिति को सूचित करें।
इसे भी पढ़ें: तीरथ सिंह रावत ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पीएम व सीएम योगी ने दी बधाई