बसंत के संग

ऋतु बसंत लेकर आया, रंग रंगीला फाग। नवपल्व की चुनर ओढ़े, उपवन करे सिंगार।। उपवन करे सिंगार, हुआ मौसम रंगीला। भौंरा मन मुस्काए, घुमे बन छैल छबीला।। कलियों के संग…

लोकजागरण का दस्तावेज है ‘भारतबोध का नया समय’

नई दिल्ली: देश के प्रख्यात पत्रकार एवं भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नई किताब ‘भारतबोध का नया समय’ पर शनिवार को ऑनलाइन परिचर्चा…

समकालीन भारत को समझने की कुंजी

प्रो. कृपाशंकर चौबे जनसंचार के गंभीर अध्येता प्रो. संजय द्विवेदी की नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ का पहला ही निबंध इसी शीर्षक से है। भारतबोध की समझ को स्पष्ट…

नए युगबोध का दस्तावेज

प्रोफेसर संजय द्विवेदी भारतीय पत्रकारिता के प्रतिष्ठित आचार्य हैं। उनकी नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ के पहले आलेख में (जो कि पुस्तक का शीर्षक भी है) मीडिया आचार्य संजय…

रानी, महारानी और पटरानी में क्या होता है फर्क, जानने के लिए पढ़ें

प्रकाश सिंह Difference in Rani, Maharani & Patrani: भारत में राजा-रानियों के किस्से काफी मशहूर हैं। कई ऐसे राजा रहे हैं, जिनका अमिट छाप सदियों से बना हुआ है। ये…

पराक्रम दिवस पर विशेष: नेताजी ने 1943 में ही बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली सरकार

नेताजी की सरकार को 11 देशों ने उसी समय दे दी थी मान्यता यह नया भारत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों का…

चांद और मैं

मैंने महबूब को चांद, कह क्या दिया…! चांद कल रात हमसे, ख़फ़ा हो गया! चांद तनकर ये बोला कि, सुन ”अजनवी” तेरे महबूब में ऐसी, क्या है ख़ुबी…? मैं कहा…

शीत ऋतु का घेरा

धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…

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