Kahani: अंधे की परख
Kahani: एक राजा का दरबार लगा हुआ था। क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरबार खुले में लगा हुआ था। पूरी आम सभा सुबह की धूप में बैठी…
Kahani: एक राजा का दरबार लगा हुआ था। क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरबार खुले में लगा हुआ था। पूरी आम सभा सुबह की धूप में बैठी…
Pauranik Katha: संत श्री रघुनाथ दास गोस्वामी राधाकुंड गोवर्धन में रहकर नित्य भजन करते थे। नित्य प्रभु को 1000 दंडवत प्रणाम, 2000 वैष्णवों को दंडवत प्रणाम और 1 लाख हरिनाम…
Kahani: एक बार की बात है। एक लोमड़ी और खरगोश दोस्त थे। वह साथ में ही खेलते, खाते और रहते। जंगल में एक बार एक बाघ आया और उसने खरगोश…
Kahani: एक बार की बात है। एक शेर भूखा प्यासा इधर उधर भटक रहा था। चलते चलते वो एक छोटी गुफा के पास आया। दरअसल में वो गुफा एक हिरण…
Pauranik Katha: गौतम ऋषि के पुत्र का नाम शरद्वान था। उनका जन्म बाणों के साथ हुआ था। उन्हें वेदाव्यास में जरा भी रुचि नहीं थी और धनुर्विद्या से उन्हें अत्यधिक…
Kahani: एक बार एक राजा ने अपने दरबारी मंत्रियों से पूछा, प्रजा के सारे काम मैं करता हूँ, उनको अन्न मैं देता हूँ, रोजगार मैं देता हूँ। उनकी बेटियों के…
Kahani: एक गांव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह रोज लकड़ी काटने जंगल में जाता था। उसका दोस्त उसकी लाई हुई लकड़ियों को बेचता था। एक बार…
Kahani: एक निर्धन औरत एक साधु के पास गई। बोली- स्वामी जी! कोई ऐसा पवित्र मन्त्र लिख दीजिये जिससे मेरे बच्चों का रात को भूख से रोना बन्द हो जाये।…
Kahani: एक गाँव मे राम नाम का आदमी रहता था। वह एक किसान था। एक बार वो खेत में खुदाई कर रहा था। तभी उसे एक कैंची मिलती है। जब…
Pauranik Katha: हिमालय की तराई में एक सघन वन था, वन में तरह-तरह के पशु-पक्षी रहते थे। वहीं जगह-जगह ऋषियों की झोंपड़ियां भी बनी हुई थीं। ऐसा लगता था मानो…