Pauranik Katha: संत की खीर

Pauranik Katha: संत श्री रघुनाथ दास गोस्वामी राधाकुंड गोवर्धन में रहकर नित्य भजन करते थे। नित्य प्रभु को 1000 दंडवत प्रणाम, 2000 वैष्णवों को दंडवत प्रणाम और 1 लाख हरिनाम…

Kahani: धोखेबाज़ किसी के मित्र नहीं होते

Kahani: एक बार की बात है। एक लोमड़ी और खरगोश दोस्त थे। वह साथ में ही खेलते, खाते और रहते। जंगल में एक बार एक बाघ आया और उसने खरगोश…

Kahani: अक्ल

Kahani: एक बार की बात है। एक शेर भूखा प्यासा इधर उधर भटक रहा था। चलते चलते वो एक छोटी गुफा के पास आया। दरअसल में वो गुफा एक हिरण…

Pauranik Katha: कृपाचार्य और द्रोणाचार्य की रोचक कथा

Pauranik Katha: गौतम ऋषि के पुत्र का नाम शरद्वान था। उनका जन्म बाणों के साथ हुआ था। उन्हें वेदाव्यास में जरा भी रुचि नहीं थी और धनुर्विद्या से उन्हें अत्यधिक…

Kahani: अहंकारी राजा को समझ आया भगवान का काम

Kahani: एक बार एक राजा ने अपने दरबारी मंत्रियों से पूछा, प्रजा के सारे काम मैं करता हूँ, उनको अन्न मैं देता हूँ, रोजगार मैं देता हूँ। उनकी बेटियों के…

Kahani: लालची दोस्त और जिन्न

Kahani: एक गांव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह रोज लकड़ी काटने जंगल में जाता था। उसका दोस्त उसकी लाई हुई लकड़ियों को बेचता था। एक बार…

Pauranik Katha: अर्जुन और भगवान शिव का युद्ध

Pauranik Katha: हिमालय की तराई में एक सघन वन था, वन में तरह-तरह के पशु-पक्षी रहते थे। वहीं जगह-जगह ऋषियों की झोंपड़ियां भी बनी हुई थीं। ऐसा लगता था मानो…

Other Story