इसे कहते हैं कसक और चाहत
ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकट नहीं…
ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकट नहीं…
ऋतु बसंत लेकर आया, रंग रंगीला फाग। नवपल्व की चुनर ओढ़े, उपवन करे सिंगार।। उपवन करे सिंगार, हुआ मौसम रंगीला। भौंरा मन मुस्काए, घुमे बन छैल छबीला।। कलियों के संग…
नई दिल्ली: देश के प्रख्यात पत्रकार एवं भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नई किताब ‘भारतबोध का नया समय’ पर शनिवार को ऑनलाइन परिचर्चा…
देख तुम्हारी अदा प्रिये, बिन पिये नशा छा जाता है। आने की तेरी आहट सुन, दिल झूम-झूम कर गाता है।। नभ से वसुधा पर आई हो, तुम परी हो कोई…
प्रो. कृपाशंकर चौबे जनसंचार के गंभीर अध्येता प्रो. संजय द्विवेदी की नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ का पहला ही निबंध इसी शीर्षक से है। भारतबोध की समझ को स्पष्ट…
प्रोफेसर संजय द्विवेदी भारतीय पत्रकारिता के प्रतिष्ठित आचार्य हैं। उनकी नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ के पहले आलेख में (जो कि पुस्तक का शीर्षक भी है) मीडिया आचार्य संजय…
प्रकाश सिंह Difference in Rani, Maharani & Patrani: भारत में राजा-रानियों के किस्से काफी मशहूर हैं। कई ऐसे राजा रहे हैं, जिनका अमिट छाप सदियों से बना हुआ है। ये…
नेताजी की सरकार को 11 देशों ने उसी समय दे दी थी मान्यता यह नया भारत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों का…
मैंने महबूब को चांद, कह क्या दिया…! चांद कल रात हमसे, ख़फ़ा हो गया! चांद तनकर ये बोला कि, सुन ”अजनवी” तेरे महबूब में ऐसी, क्या है ख़ुबी…? मैं कहा…
धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…