Pauranik Katha: जानें क्यों नहीं करनी चाहिए श्री गणेश की पीठ के दर्शन?

Pauranik Katha: ऋद्धि सिद्धि के दाता यानि गणेश जी का स्वरूप बेहद मनोहर एवं मंगलदायक है। एकदंत और चतुर्बाहु गणपति अपने चारों हाथों में पाष, अंकुष, दंत और वरमुद्रा धारण…

Kavita: चटनी और कांदों के साथ माँ

रोटियाँ, चटनी और कांदों के साथ माँ थैले में रख देती है दो जोड़ी कपड़ों में तह करके आशा पश्चिम की ओर मुँह कर करती है तिलक लगाती है चावल…

Pauranik Katha: अपनी बेटियों की वजह से दक्ष प्रजापति का चंद्रमा को दिया था श्राप

Pauranik Katha: चंद्रमा की सुंदरता पर राजा दक्ष की सत्ताइस पुत्रियां मोहित हो गईं। वे सभी चंद्रमा से विवाह करना चाहती थीं। दक्ष ने समझाया सगी बहनों का एक ही…

Kavita: मेरे गाँव! जा रहा हूँ दूर-दिसावर

मेरे गाँव! जा रहा हूँ दूर-दिसावर छाले से उपने थोथे धान की तरह तेरी गोद में सिर रख नहीं रोऊँगा जैसे नहीं रोए थे दादा दादी के गहने गिरवी रखते…

Pauranik Katha: जानें श्राप और वरदान का रहस्य

Pauranik Katha: हम पौराणिक कथाओं में प्रायः यह पढ़ते-सुनते आये हैं कि अमुक ऋषि ने अमुक साधक को वरदान दिया या अमुक असुर को श्राप दिया। जन साधारण को या…

Kahani: सब कुछ तुम्हारे हाथ में है!

Kahani: एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान…

Kavita: मेरी मां को

मेरी मां को तस्वीर के लिए मुस्कुराना नहीं आता मैं जैसे ही खोलती हूं कैमरा वो झेंपने लगती हैं शर्माती हैं आठवीं कक्षा की लड़की सी दो तीन बार पल्लू…

Kahani: अति वाचालता का दुष्परिणाम

Kahani: एक राजा बहुत अधिक बोलता था। उसका मंत्री विद्वान और हितचिन्तक था। इसलिये वह सोचता रहता था कि राजा को कैसे इस दोष से मुक्त करूँ और वह ज्ञान…

Pauranik Katha: गौ भक्त राजर्षि दिलीप, जिन्होंने सिंह को सौंप दिया शरीर

Pauranik Katha: शास्त्रों में राजा को भगवान् की विभूति माना गया है। साधारण व्यक्ति से श्रेष्ठ राजा को माना जाता है, राजाओं में भी श्रेष्ठ सप्त द्वीपवती पृथ्वी के चक्रवर्ती…

Other Story