Kahani: नीच और ऊंच की पहचान

Kahani: महाराजा विक्रमादित्य प्रायः अपने देश की आंतरिक दशा जानने के लिए वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे। एक दिन घूमते घूमते एक नगर में पहुंचे। वहां का रास्ता…

Kahani: भरत के नाम पर पड़ा देश का नाम भारत

Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…

याद कर सो मत जाना

विश्व पर्यावरण दिवस याद कर सो मत जाना। जीवन जल रहे सुरक्षित सुरक्षित हरियाली पाना।। एक दिवसीय काम नहीं हर दिन ही करना होगा। पूर्वजों ने किया था जो भी…

स्पोर्ट्स कालेजों में जल्द शुरु होंगे एडमिशन, इस ​तारीखों का रखें ध्यान…

लखनऊ। उप्र स्पोर्ट्स कालेजेज सोसाइटी के अंतर्गत आने वाले गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स काॅलेज, लखनऊ, वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर, मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स काॅलेज सैफई में कक्षा छह के…

Kahani: परशुराम जी ने क्यों की थी माता रेणुका का वध

Kahani: रेणुका राजा प्रसेनजित अथवा राजा रेणु की कन्या, परशुराम की माता और जमदग्नि ऋषि की पत्नी थी, जिनके पाँच पुत्र थे। रुमण्वान, सुषेण, वसु, विश्वावसु तथा परशुराम। एक बार…

Kahani: अहंकार की रस्सी

Kahani: एक बार एक गुरुदेव अपने शिष्य को अहंकार के ऊपर एक शिक्षाप्रद कहानी सुना रहे थे। एक विशाल नदी जो की सदाबहार थी उसके दोनो तरफ दो सुन्दर नगर…

Book Review: सुराज संकल्प का ‘अमृतकाल’

Book Review: भारतीय संस्कृति में कहा जाता है, ‘नयति इति नायक:’, अर्थात् जो हमें आगे ले जाए, वही नायक है। आगे लेकर जाना ही नेतृत्व की वास्तtविक परिभाषा है। भारत…

Kahani: संकल्प का प्रभाव

Kahani: एक गांव में एक नास्तिक रहता था, जिसका नाम शिवराम था। न जाने क्यों, वह भगवान के नाममात्र से ही भड़क उठता था। यहाँ तक कि किसी आस्तिक से…