Gyan Ki Baat: भाग्य और पुरुषार्थ का रहस्य

Gyan Ki Baat: भाग्य और पुरुषार्थ का रहस्य बहुत ही गूढ़ है। दोनों में कौन श्रेष्ठ है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके बारे में हर कोई जानने की इच्छा…

Pauranik Katha: कुबेर का अहंकार

Pauranik Katha: यह एक पौराणिक कथा है। कुबेर तीनों लोकों में सबसे धनी थे। एक दिन उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतनी संपत्ति है, लेकिन कम ही लोगों को इसकी…

Pauranik Katha: शनिदेव ने तोड़ा इंद्र का अहंकार

Pauranik Katha: नारद देवताओं के प्रभाव की चर्चा कर रहे थे। देवराज इंद्र अपने सामने दूसरों की महिमा का बखान सुनकर चिढ़ गए। वो नारद से बोले- आप मेरे सामने…

Pauranik Katha: भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र में कितनी तीलियां हैं?

Pauranik Katha: इस विषय में हमें धार्मिक ग्रंथों में अलग अलग जानकारी मिलती है। कई जगह ये कहा गया है कि सुदर्शन चक्र में कुल 1000 आरे थे। ऐसा इसीलिए…

Dharma News: सनातन धर्म के सोलह संस्कार, जानें कब-कैसे होता है

Dharma News: हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों (षोडश संस्कार) का उल्लेख किया जाता है, जो मानव को उसके गर्भाधान संस्कार से लेकर अन्त्येष्टि क्रिया तक किए जाते हैं। इनमें से…

Dharma News: ऋषि, मुनि, महर्षि, साधु और संत में यह होता है अंतर

Dharma News: भारत में प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों का विशेष महत्व रहा है। आज से सैकड़ों साल पहले ‘ऋषि’, ‘मुनि’, ‘महर्षि’ और ‘ब्रह्मर्षि’ समाज के पथ प्रदर्शक माने जाते…

Pauranik Katha: लंकाधीश रावण ने दक्षिणा में राम से मांगा था मोक्ष

Pauranik Katha: वाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की इरामावतारम् में यह कथा है। रावण केवल शिवभक्त,…

Astrology: सपनों में क्यों आते हैं कुलदेवता-कुलदेवी, जानें शुभ होता है या अशुभ

Astrology: सपने में कुलदेवता-कुलदेवी को देखना शुभ या अशुभ दोनों सपने हो सकते हैं। अगर आपको अपने कुलदेवता या कुलदेवी से अच्छे संकेत मिलते हैं, तब यह आपके के लिए…

Pauranik Katha: भक्त से निंदा सुन मुस्कुराए भोलेनाथ

Pauranik Katha: एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द…

Pauranik Katha: शिव-पार्वती के पुत्र अंधक की कथा

Pauranik Katha: वामन पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे…