पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा पाठ कर 130 करोड़ की विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांचवीं बार केदारनाथ यात्रा पर पहुंच गए हैं। यहा वह केदारनाथ मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद कई योजनाओं का सौगात दे रहे…

रोशनी से नहाया केदारनाथ मंदिर, कल पीएम मोदी करेंगे दर्शन, देखें तस्वीरें

नई दिल्ली: देशभर में दिवाली की धूम है। झालर और लाइटों से पूरा देश जगमगा रहा है। घर और मंदिर लाइटों और दीयों से रंगीन हैं। वहीं उत्तराखंड में केदारनाथ…

विजयदशमी पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन अत्यंत शुभ

डॉ. प्रेम नारायण भट्ट नीलकंठ महादेव का मंगलकारी एवं शांत मूर्त के अंतर्गत एक सौम्य स्वरूप माना जाता है, इस सौम्य स्वरूप के विषय में श्रीमद्भागवत के आठवें अध्याय में…

सिद्धिदात्री: माता का नौवाँ रूप

या देवि सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। – तंत्रोक्त देवीसूक्त भक्तवत्सला जगदंबा : ‘माँ दुर्गा’ की उपासना की उत्तमावस्था है– महानवमी! पूर्ण निष्ठा से की गई साधना…

‘महागौरी– माता का आठवां रूप’, क्या है त्रिशूल, वृषभ, डमरू आदि का वास्तविक अर्थ?

आरंभ में एक बार माता के पहले के सात प्रतीकात्मक रूपों का पुनर्स्मरण कर लेना विषयवस्तु को समझने हेतु समीचीन होगा– पहला रूप–शैलपुत्री – हमारे संकल्प की शक्ति शिला की…

“माँ की पूजा का विज्ञान”

माता को शक्ति कहते हैं। शक्ति (power) कार्य करने की क्षमता (ability) का नाम है:- (power=work/time)। भौतिकी का नियम है कि ऊर्जा(energy) जितनी अधिक होगी, कार्य उतना अधिक संपन्न होगा।…

मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में लगी भक्तों की भीड़

प्रकाश सिंह वाराणसी: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में भक्तों की जमकर भीड़ देखी गई। शारदीय नवरात्रि यानी मां दुर्गा के अलग अलग रूपों का पूजन करने…

नवरात्रि का भाषा-वैज्ञानिक माहात्म्य और माँ शैलपुत्री

माँ दुर्गा को आदिशक्ति कहा गया है अर्थात् सभी शक्तियाँ इन्हीं से निःसृत होती हैं। यही सृष्टि की नियामिका शक्ति हैं, साथ ही अखिल ब्रहमाण्ड की आधारशिला भी। यही अखिल…

क्या आप नवरात्रि साधना के लिए तैयार हैं?

दुर्गोत्सव आरंभ होने को है। इससे जुड़ी तमाम उद्भावनाओं, स्थापनाओं एवं अवधारणाओं के बीच यह प्रश्न विद्यमान है कि क्या हम सच ही जागरण के लिए तैयार हैं? आइए कुछ…

‘वैराग्य का परिपाक’

अनुभूत सत्य है कि वैराग्य की संकल्पना सिर्फ़ सिद्धों, संतों को ही नहीं, अपितु सामान्य साधकों, सज्जनों, सद्गृहस्थों को भी सदा से लुभाती रही है। किसी पर्णकुटी, गिरा-गह्वर में धुनी…

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