Pauranik Katha: अंतर्मन को छूता महाभारत का यह सार्थक प्रसंग

Pauranik Katha: महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था। युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में…

भारत की संत परपम्परा के आधुनिक उन्नायक स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

वह संन्यासी हैं। संवेदनशील हैं। संघर्षशील हैं। सनातन क्रांतिवीर हैं। ऊर्जावान हैं। राष्ट्रवन्दना के अप्रतिम गायक हैं। भगवान आद्यशंकराचार्य की ज्योतिर्पीठ पर विराजमान शंकराचार्य भगवान स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिष्य…

श्रुति और ऋषि परंपरा से संचालित होता है सनातन

सनातन संस्कृति में केवल श्रुति ही सर्वोच्च है। यहां किसी शीर्ष आचार्य या किसी एक पुस्तक की नहीं चलती। यह विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना का मार्ग है।…

बनेगी समाधि, जो अभी मजार है!

गोरखपंथ के संत मच्छिंद्रनाथ (मत्स्येंद्र नाथ) की बारह सदी पुरानी समाधि शीघ्र हिंदुओं को वापस मिलेगी। मुंबई से चालीस किलोमीटर के फासले पर कल्याण में यह तीर्थस्थली है। महाराष्ट्र के…

Pauranik Katha: महादानी सूर्यपुत्र कर्ण की मृत्यु का रहस्य

Pauranik Katha: दुशासन को जब भीम ने मार कर उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव…

Dharmasastra: ॐ का रहस्य, जानें उच्चारण का महत्व

Dharmasastra: मन पर नियन्त्रण करके शब्दों का उच्चारण करने की क्रिया को मन्त्र कहते हैं। मन्त्र विज्ञान का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे मन व तन पर पड़ता है। मन्त्र का…

Pauranik Katha: विनम्रता की जीत

Pauranik Katha: सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था। वह मेघनाथ जो अब तक अविजित था, जिसकी भुजाओं के बल पर रावण युद्ध कर रहा था, अप्रितम…

प्रचेता पुत्र ब्रह्मर्षि वाल्मीकि

ब्रह्मर्षि वाल्मीकि त्रिकाल दर्शी हैं। सतयुग, द्वापर और त्रेता तीनों युगों में उनकी उपस्थिति के शास्त्रीय प्रमाण हैं। जगज्जननी भूमिजा सीता जी के चरित्र और गुणों के साथ राम के…

Ram Mandir Ayodhya: सात हजार हाथों का श्रम, मंदिर पर भूकंप का भी नहीं होगा असर

रामकाज करिबे को आतुर विद्यावान गुनी अति चातुर, Ram Mandir Ayodhya: हनुमान चालीसा की यह विशेष चौपाई अयोध्या में चहुंओर दिख रही है। बात तन की हो, मन की हो,…

Pauranik Katha: कैकेयी को दंड

Pauranik Katha: एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से भरत ने कहा, “एक बात पूछूं भइया? माता कैकई ने आपको वनवास दिलाने…