अक्षय तृतीया पर विशेष: मानवीय योजनाओं को पुष्पित—पल्लवित करने की तिथि है
यह सृष्टि का अक्षय पर्व है। पृथ्वी से अन्न पाने की अनुमति का समय है। पितरों को पुण्यलाभ प्रदान करने की योजना है। कलियुग की कल्पतिथि है। यह जीवन को…
यह सृष्टि का अक्षय पर्व है। पृथ्वी से अन्न पाने की अनुमति का समय है। पितरों को पुण्यलाभ प्रदान करने की योजना है। कलियुग की कल्पतिथि है। यह जीवन को…
भारत में ऐसा क्या है जो उसे खास बनाता है? वह कौन सी बात है जिसने सदियों से उसे दुनिया की नजरों में आदर का पात्र बनाया और मूल्यों को सहेजकर रखने…
वे ही थे जो खिलखिलाकर मुक्त हंसी हंस सकते थे, खुद पर भी, दूसरों पर भी। भोपाल में उनका होना एक भरोसे और आश्वासन का होना था। ठेठ बुंदेलखंडी अंदाज…
आधुनिकता के रंग में रंगते लोगों ने हमारे समाज से बहुत कुछ छीन लिया है। समानता के अधिकार की आड़ में छोटे—बड़े के लिहाज और सम्मान कब गायब हो गया…
प्रकृति, जीवन में आज तक हमारी अमीरी, गरीबी, आचरण, व्यवहार, तर्क, बुद्धिमत्ता और जीवनस्तर आदि की परीक्षा लेती रही है किन्तु अब वह पूरजोर ढंग से हमारी जीवटता को, हमारे…
संघ के सरकार्यवाह के रूप में 12 साल का कार्यकाल पूरा कर जब भैयाजी जोशी विदा हो रहे हैं, तब उनके पास एक सुनहरा अतीत है, सुंदर यादें हैं और…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जो लोग जानते हैं, उन्हें पता है कि यहां किसी ‘व्यक्ति’ की जगह ‘विचार’ की महत्ता है। यह एक विचार केंद्रित संगठन है, जहां व्यक्ति निष्ठा…
मौजूदा समय में मीडिया का दायरा काफी व्यापक हुआ है लेकिन इस बीच खबरों की विश्वसनीयता काफी घटी है। बिना विश्वसनीयता के बेहतरी की उम्मीद करना बेमानी होगी। मीडिया शुरू…
हर साल की तरह 2020 जनवरी, एक नए साल का आगाज़ भी नए जोश, नए सपनों, नयी उम्मीदों, नए संकल्प और नए वादों के साथ हुआ। समय के साथ आगे…
सरल, सहज, मिसरी सी ये, शब्दों से अमृत बरस, ये अपनत्व जताती है, स्वराष्ट्र प्रेम दर्शाती है, “हिंदी” अभिमान बढ़ाती है” मीठी, सरल व सहज “हिंदी”, भारतीय जनमानस की भाषा…